August 1, 2025

संवाददाता
कानपुर। 
बड़ा चौराहा से प्रेमी के साथ मिलकर दो सगे भाइयों का अपहरण करने वाली महिलाओ को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। महिला व उसके प्रेमी ने बच्चों को कपड़ों की खरीदारी का झांसा देकर 28 जुलाई को अपहरण किया था।
पुलिस को गुमराह करने के लिए अपहरणकर्ता दोनों भाइयों को पहले शिवराजपुर ले गए थे। जहां अपहर्ताओं ने कपड़ों की खरीदारी करने के बाद 6 साल के बच्चे फरीद को वहीं छोड़ दिया। जबकि हैवानो ने उसके 20 माह के छोटे भाई शादाब को उन्नाव निवासी महिला को 1.15 लाख में बेच दिया था।
मूलरूप से जनपद उन्नाव के जमुना खेड़ा कुइथर अतेसुआ सथरा गांव निवासी शरीफ बड़ा चौराहा पर पत्नी जीनत व दो बेटे फरीद और 20 माह शादाब के साथ रहते हैं।

शरीफ रंगों की फेरी लगाते हैं और उनकी पत्नी चौराहे पर ही रंग बेचने का काम करती हैं। बीते 28 जुलाई को पति पत्नी अपने काम पर गए थे। इस दौरान स्कूटी सवार एक महिला और पुरुष आए और फरीद और शादाब को कपड़े खरीदने का झांसा देकर अपने साथ स्कूटी से शिवराजपुर ले गए।
शिवराजपुर ले जाने के बाद अपहरणकर्ताओं ने बच्चों के लिए कपड़े खरीदे और स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के बाद फरीद को वहीं उतार दिया। इसके बाद अपहरणकर्ता शादाब को ले गए। 

खुलासे के दौरान डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि लावारिस मिले फरीद से शिवराजपुर पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने बताया कि कपड़े खरीदने का झांसा देकर अंकल आंटी उसे यहां ले आए। पूछने पर उसने बताया कि वह बड़ा चौराहा पर रहता है। जिसके बाद पुलिस ने कोतवाली में संपर्क किया।

जिसके बाद एडीसीपी पूर्वी अंजलि विश्वकर्मा के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच, सर्विलांस टीम के साथ तीन टीमों का गठन किया गया। टीमों ने बड़ा चौराहा से शिवराजपुर तक 60 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की तलाश की।
जिसमें स्कूटी सवार अपहरणकर्ता बच्चों को ले जाते हुए कैद हुए। शिवराजपुर पेट्रोल पंप पर भी आरोपी स्कूटी में पेट्रोल भराते दिखे। स्कूटी नंबर के आधार पर पुलिस ने आरोपियों का मोबाइल नंबर ट्रेस किया।
जिसके बाद पुलिस ने चकेरी लाल बंगला जगईपुरवा रोड निवासी महिला जूली रानी कुशवाहा को जाजमऊ पुल के पास से गिरफ्तार किया। 

पूछताछ में जूली ने बताया कि उन्नाव के राम नगर निवासी रेशमा बेगम को 1.15 लाख रुपए में शादाब को बेच दिया था। डीसीपी ने बताया कि जूली ने बताया कि अपहरण की साजिश में उसका प्रेमी वैभव सिंह भी शामिल था।

पुलिस ने दोनों महिलाओं रेशमा और जूली को गिरफ्तार कर बच्चे को बरामद किया। जूली ने रेशमा को अनाथालय से बच्चा लाकर बेचने की बात कही थी। डीसीपी पूर्वी ने घटना का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार पुरस्कार देने की घोषणा की।
कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर जगदीश पांडेय ने बताया कि जगईपुरवा निवासी जूली के क्षेत्र के ही वैभव सिंह से प्रेम संबंध हो गए थे। जिसके बाद करीब 2 साल पहले जूली को उसके पति ने छोड़ दिया था। जिसके बाद से वह वैभव के साथ रह रही थी।

फरार अभियुक्त वैभव सिहं पुत्र सुनील सिंह की तलाश मे मुखबिर ने बताया कि जिस अभियुक्त की तलाश की जा रही है वह जाजमऊ के पास दिखाई दिया है। 

इस सूचना पर प्रभारी निरीक्षक फोर्स के साथ जाजमऊ पहुचे। अभियुक्त पुलिस को देखकर जाजमऊ से छावनी की तरफ भागने लगा। पुलिस के पीछा करने पर अभियुक्त वैभव सिहं द्वारा फाइरिंग की गयी। जवाबी फाइरिंग में अभियुक्त के पैर पर गोली लगी जिसके बाद घायल होने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वैभव सिंह को उपचार हेतु उर्सला अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसका इलाज जारी है। अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।