October 18, 2024

आ.स.संवाददाता

कानपुर। ट्रक के साथ कार टकराने के भीषण सड़क हादसे में इंजीनियरिंग कॉलेज के 4 छात्रों समेत 5 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर भौती में हुआ था। मंगलवार सुबह सभी शवों का अंतिम संस्कार एक साथ गंगा किनारे ड्योढ़ी घाट पर किया गया। जब एक साथ पांचों की अर्थी उठी तो सभी का दिल दहल गया। हर तरफ सिर्फ चीखें ही सुनाई दीं। मृतक छात्र प्रतीक का शव जैसे ही उठाया गया तो उसके पिता राजेश सिंह बेहोश होकर वहीं गिर पड़े। किसी तरह से रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला और फिर उन्हें लेकर आगे बढ़े। बेटे की अर्थी के पीछे चलना पिता राजेश के लिए एक-एक कदम भारी था। किसी तरह से लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे।इस मार्ग दुर्घटना में जान गवाने वाली गरिमा का शव जैसे ही घर से उठाया गया तो वैसे-वैसे उसकी मां रीता त्रिपाठी भी पीछे-पीछे दौड़ने लगी। परिवार की अन्य महिलाओं ने तुरंत ही उनको संभाला। इसके बाद परिवार की छोटी बेटी और गरिमा की बहन महिमा ने अपनी मां को सहारा दिया और उन्हें गले लगा कर चिपका लिया। जब गरिमा का शव गाड़ी में रखकर जाने लगा तो मां की चीख निकल पड़ी और अचानक से वह बेहोश हो गई। यह देख महिलाओं का भी दिल दहल गया। तुरंत ही उनको पानी की छीटें मारी गई और पानी पिलाया गया। इसके बाद सभी लोग गरिमा की मां को लेकर वापस घर की तरफ आ गए। हादसे में मारे गए सतीश की मां संतोष कुमारी और पिता रमेश चंद्र बेटे के शव के पास ही बैठे रहे। कभी बेटे को देख कर चीख-चीखकर रोने लगते थे तो कभी गुमशुम से बैठ जाते थे। घंटों बैठे-बैठे बेटे के शव को निहारते रहे, जैसे ही बेटे को ले जाने की तैयारी शुरू हुई तो पिता रमेश बदहवास होकर सीना पीट-पीटकर रोने लगे। चौथी मृतका छात्रा आयुषी का शव जैसे ही आया तो मां समता बेटी के शव से लिपट गई। पिता रामनरेश पटेल दूर बैठकर बेटी के शव को निहार रहे थे। अपनी किस्मत को कोश रहे थे। दुर्घटनाग्रस्त कार को चला रहे ड्राइवर विजय साहू के शव को ले जाने के लिए जैसे ही तैयारी शुरू हुई तो पत्नी सुमन अपने पति के शव से लिपट गई। दोनों बेटे हिमांशु और शशांक को परिवार के अन्य लोग सहारा दे रहे थे। जब विजय का शव उठा तो पत्नी और दोनों बेटे चीख-चीखकर रोने लगे। ये दुःखद दृश्य देख सभी की आंखों में आंसू छलक पड़े।