March 10, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
होली त्योहार के नजदीक आते ही बाजार में मिलावटी व नकली खोया, खाद्य तेल समेत पापड़ आदि बड़ी मात्रा में खपाने के लिए तैयार कर लिया जाता है। इसको रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने कमर कस ली है।
खाद्य सहायक आयुक्त-2 संजय प्रताप सिंह ने बताया कि 5 मार्च तक मिलावटी खोया बनाने वालों को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद 6 मार्च से छापामार अभियान शुरू किया जाएगा। विभाग द्वारा 6 टीमों का गठन किया गया है, जो मिलावटी खोया बेचने वालों पर शिकंजा कसेंगी।
कानपुर में होली के त्योहार से पहले ही मिलावटी खोया खपाने के लिए मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं। 10 दिन पहले ही शहर के अंदर 12 कुंतल मिलावटी खोया पकड़ा गया। जिसको खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने नष्ट कराया था।
दूध को ज्यादा बनाने के लिए उसमें पानी की मिलावट तो होती ही है। साथ ही इसे खराब होने से बचाने के लिए इसमें सोडा और डिटर्जेंट भी मिलाया जाता है। यहां तक प्रोटीन की मात्रा का फेक डिटेक्शन देने के लिए दूध में यूरिया मिलाकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जाता है।
दूध में जब पानी मिलाया जाता है तो यह पतला हो जाता है। मिलावटखोर पतले दूध को गाढ़ा करने के लिए इसमें आरारोट व मैदा जैसे स्टार्च मिलते हैं। यही मिलावट खोए और पनीर वगैरह की मात्रा बढ़ाने के लिए भी की जाती है।
तेल में ट्राई-ऑर्थो-क्रेसिल फॉस्फेट केमिकल की मिलावट की जाती है, यह पेट्रोलियम से मिलने वाला जहरीला केमिकल है, जो कीटनाशकों में भी प्रयोग किया जाता है। 
ये केमिकल सेहत के लिए तो हानिकारक है ही, यह जानलेवा भी हो सकता है। तेल में पीला मक्खन मिलाने पर रंग लाल हो जाने पर केमिकल का पता लगाया जा सकता है।
खोया-दूध तो मिलावट के घेरे में रहता ही है। मिठाइयों को सजाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सिल्वर फॉइल यानी चांदी का वर्क भी मिलावटखोरों से नहीं बच पाया है। वे चांदी की जगह एल्युमिनियम फॉइल लगाकर जनता को मूर्ख बनाते हैं। शुद्ध सिल्वर फॉइल को उंगली के बीच मसलने पर वो पाउडर की तरह हो जाती है।