
आ स. संवाददाता
कानपुर। बिल्हौर तहसील में तहसील दिवस से पहले जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने चंपतपुर गांव की राजकीय गौशाला का औचक निरीक्षण किया।
गौशाला में तीन करोड़ रुपये की लागत से बन रही बाउंड्री वॉल और भवन का निर्माण का कार्य अधूरा मिला। भवन निर्माण में लगे कर्मचारियों ने मार्च तक भवन का निर्माण पूरा कर उद्यान विभाग को सौंपने का आश्वासन दिया।
जिलाधिकारी ने नवनिर्मित भवन की नींव में सीलन देखी। उन्होंने निर्माण कार्य में मिली अनियमितताओं के लिए एक्सईएन राजेश श्रीवास्तव और दीपक सिंह को जिम्मेदार ठहराया।
जिलाधिकारी द्वारा लगभग 3.6 करोड़ रूपए से चम्पतपुर, बिल्हौर में नवनिर्मित राजकीय पौधशाला व भवन का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को कई खामियां मिली।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान पाया गया कि भवन और पौधशाला का निर्माण 2022 में हो चुका है लेकिन अभी इसे हस्तगत नहीं किया गया और न ही इसका संचालन हो पा रहा है।
निरीक्षण में पाया गया कि भवन को हस्तगत करने से पहले ही निर्मित भवन में लगा प्लास्टर झड़ रहा है, डीएम को दीवारों पर नमी भी मिली। इसके अलावा फर्श में दरारें मिली, एमसीबी बॉक्स जमीन पर रखा मिला और फायर अलार्म के तारों की वायरिंग नहीं की गई थी। बिजली का कनेक्शन तो था लेकिन उसमें बिजली नहीं आ रही है और स्नान घर में लगाई गई टोटी निम्न गुणवत्ता की थी और सही से फिक्स नहीं की गई थी। इसके अलावा नवनिर्मित सम्पूर्ण भवन के चारों तरफ दरारे पाई गई।
उक्त भवन में बनी पौधशाला में मिली कमियों को देखते हुए जिलाधिकारी ने विधिवत जांच करने के साथ -साथ संस्था सीएंडडीएस और संबंधित ठेकेदार व इंजीनियर से रिकवरी करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन पर भी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी।
इस भवन का तीन साल से चल रहा निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। जिलाधिकारी की फटकार के बाद मार्च तक निर्माण पूरा कर विल्डिंग विभाग को हैंडओवर करने की कही बात कही गई।
डीएम ने यूपीसीएलडी विभाग के अधिकारियों को मामले की जांच के आदेश दिए। साथ ही लापरवाही के लिए एक्सईएन से रिकवरी और ठेकेदार की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए।