
आ स. संवाददाता
कानपुर। बैंक के कर्ज से मुक्त हुई रामवती के पति झेलम ने घर चलाने के लिए खेती की जमीन पर 30 हजार रुपए लोन लिया था। लोन चुकाने से पहले ही उनकी मौत हो गई। हरदौली घाटमपुर निवासी रामवती को पति के जाने के बाद जमीन जाने का डर भी सताने लगा। लोन की रकम पर ब्याज चढ़कर रकम दोगुनी हो गई। रामवती को सरकारी कार्रवाई का दिन-रात डर सताता रहा।
लेकिन कानपुर डीएम जितेंद्र कुमार सिंह ने रामवती को एक झटके में सभी चिंताओं से मुक्त कर उनके जीवन को ऋणमुक्त कर दिया। यूपी ऋण मोचन योजना के तहत डीएम ने अपने प्रयासों से रामवती का ऋण चुका दिया। डीएम ने ब्याज के साथ 60 हजार रुपए की रकम को जमा कराया।
डीएम ने रामरती के साथ ही चार अन्य लोगों को भी ऐसे ही ऋण मुक्त करवाया।
अमौली, सरसौल निवासी मृतक रविंद्र पुत्र मूलचंद ने 48,000 रुपए का लोन लिया था, जिसका ब्याज सहित 89,000 लोन हुआ, जिनके पुत्र शनि को 89000 रुपए जमा कर ऋण मुक्त कराया गया।
बलहापारा, पतारा निवासी मृतक गोधन ने 20,000 का लोन लिया था, जिसका ब्याज सहित 39,000 रुपए लोन हुआ जिनके पुत्रियां कनक व गुंजन को 39,000 की आर्थिक सहायता देकर ऋण मुक्त किया गया।
मुंहपोहा, शिवराजपुर निवासी मृतक कन्हैया लाल ने 18,000 रुपए लोन लिया था, जिसका ब्याज सहित 27000 रुपए का बकाया था। जिनकी पत्नी शिव प्यारी का 27,000 लोन चुकाकर उनको मुक्त कराया गया।
डीएम ने बताया कि सामाजिक संगठनों की मदद से जिनको ऋण मुक्त किया गया है, वे आर्थिक रूप से बेहद असहाय हैं। सभी चारों लोगों ने उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड से ऋण लिया था, जिनकी जमीनों को उप्र ऋण मोचन योजना के तहत जमीनों को बंधक मुक्त कराया गया। सभी चारों लोग ऐसे थे जो भविष्य में भी ऋण चुकाने में सक्षम न होते।
उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड की ओर से मृतक ऋणी सदस्यों के लिए ऋण मोचन योजना 2024 लागू की गई है। यह योजना उन ऋणी सदस्यों के परिवारों को राहत देने के लिए बनाई गई है, जिनकी ऋण अदायगी से पूर्व मृत्यु हो चुकी है। योजना एक अक्टूबर 2024 से प्रभावी है।
इस योजना के तहत 31 मार्च 2023 तक ऋण लेने वाले और इस तिथि से पूर्व मृत हो चुके ऋणी सदस्यों के परिवारों को राहत प्रदान की जाएगी। योजना के अंतर्गत मृतक ऋणी सदस्यों के वारिसों को उनके बकाया मूलधन का भुगतान करना होगा, जबकि ब्याज में छूट दी जाएगी।