आ.स. संवाददाता
कानपुर। नगर के बेनाझाबर में रहने वाले एक परिवार की बेटी ने जज बनकर परिवार का नाम रोशन कर दिया है । बेनाझाबर में रहने वाले गोपाल कृष्ण शुक्ला सीए है, उन्होंने अपनी बेटी के उज्जवल भविष्य के लिए उसे खूब सहयोग किया और आगे बढ़ने में एक दोस्त की तरह उसके साथ हर परिस्थितियों में डटे रहे। गोपाल कृष्ण शुक्ला की बेटी ने भी उनके मार्गदर्शन में उनके सपनों को साकार करने के लिए दिन रात मेहनत करके आज उनका नाम रोशन कर दिया।
गोपाल कृष्ण शुक्ला ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि उनकी बेटी उनकी तरह ही सीए बने, क्योंकि वह इस फील्ड में लंबे समय से कार्य कर रहे है और इस फील्ड में उन्हें अपनी बेटी को आगे बढ़ाने में अधिक कठिनाइयों का सामना ना करना पड़ता क्योंकि यह फील्ड उनकी जांची परखी हुई थी। इसलिए वह बेटी को बीकॉम की पढ़ाई करा रहे थे।
नियति को पंखुड़ी को किसी और ही मुकाम पर ले जाना था। पंखुड़ी ने बताया कि वह बीकॉम ऑनर्स के दौरान उन्हें विधि के विषय में अधिक रूचि आने लगी और एकाउंटस में कम। जिसके बाद उन्होंने डीयू में लॉ के इंट्रेस की तैयारी शुरू कर दी, और उन्होंने जज बनने का फैसला लिया। अपने सपनों को साकार करते हुए पीसीएस-जे की पढ़ाई शुरू की और जज के मुकाम को हासिल किया।
गौरतलब है पीसीएसजे मेंस क्लियर करने वाली पंखुड़ी ने बताया कि उन्होंने सर पदमपत सिंघानिया स्कूल से इंटर तक की पढ़ाई की। इसके बाद वर्ष 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर्स किया और दिल्ली लॉ कैंपस सेंटर से वर्ष 2021 में लॉ पूरा किया। कानपुर वापस लौट कर वह रामा यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनी, साथ ही पीसीएस-जे की पढ़ाई भी शुरू की। मंगलवार रात हरियाणा पीसीएस-जे का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ। जरनल कैटेगरी में शामिल 88 परीक्षार्थियों में 32 वीं रैंक हासिल की और जज के मुकाम को हासिल किया। जब रिजल्ट आया तो पंखुड़ी के सी ए पिता और भाई काम से लखनऊ गए हुए थे। जज बनी पंखुड़ी अपनी सफलता का परिणाम बताते समय पिता के चेहरे के भावों को अपनी आंखों से देखना चाहती थी। इसलिए पिता के लौटने तक उसने यह बात छिपाए रखी।
पिता व भाई जब काम से लौटे तो उनके घर में प्रवेश करते ही पंखुड़ी ने मोबाइल मां के हाथों में पकड़ाते हुए इस ऐतिहासिक लम्हे को कैद करने को अपनी मां से कहा और अपने पिता से कहा ”पापा मैं जज बन गई” पिता गोपाल कृष्ण शुक्ला को बेटी की बात पर विश्वास का विश्वास नहीं हुआ,उन्होंने बेटी से कहा सच बताओ कोई मजाक तो नहीं कर रही हो।पत्नी के हामी भरने पर पिता ने बेटी को गले से लगा लिया और बोले- दुनिया का सबसे खूबसूरत तोहफा दिया है तुमने बेटा। खुशी से लबरेज पिता ने कहा कि ऊपर वाले ने सबसे खूबसूरत तोहफा दिया है ।
पंखुड़ी ने यूथ को सलाह दी कि सपने बड़े है तो कुछ त्याग करना पड़ेगा। कठिन परिश्रम करें, लक्ष्य हासिल करने तक भटकें नहीं। पंखुड़ी ने कहा कि जज की कुर्सी पर बैठने के बाद ध्यान रखूंगी कि नियमों के तहत मुकदमों को तेजी से निपटाया जा सके, जिससे लोगों को जल्दी न्याय मिले और उन्हें भटकना न पड़े।