March 12, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
एक ज्वैलर्स दुकानदार ने कई लोगों से जेवर बनाने का पैसा हड़पा और दुकान बंद कर दी। एक पीड़िता ने अपनी बेटी की शादी के लिए ज्वैलर्स के यहां चेन और अंगूठी का पैसा जमा कर दिया था, जो उसने हड़प लिया। पीड़िता ने रेलबाजार थाने में तहरीर देकर एफआईआर दर्ज करा दी है। पुलिस के मुताबिक मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
फेथफुलगंज कैंट निवासी ममता देवी के मुताबिक उन्होंने अपनी बेटी की शादी करने के लिए अर्श ज्वैलर्स के मालिक को 2.93 ग्राम की अंगूठी और 6 ग्राम की चेन खरीदने के लिए 15000 एडवांस दिया था। उनकी तरफ से कुछ दिन बाद ज्वैलरी लेने के लिए बोला गया था। ममता के मुताबिक वो ज्वैलर्स के यहां गई, तो अर्श ज्वैलर्स के मालिक ने उनसे 19400 रुपए और जमा करा लिए। इसके कुछ दिन बाद ममता जब ज्वैलरी लेने पहुंची तो उन्हें दुकान बंद मिली। दुकान के अगल बगल वालों से जानकारी मिली की दुकान बंद हो गई । अर्श ज्वैलर्स का मालिक अपनी ससुराल में रहने लगा है। जो कि मीरपुर कैंट में हैं। ममता के मुताबिक वह जैसे तैसे करके उन्होंने उसके ससुराल का पता करके उसके घर पहुंची। तो उसने बयाना की रकम और जेवर देने से मना कर दिया। बोला अब तुम्हें पैसे और जेवर नहीं देंगे। जो करते बन कर लेना। वहीं मौजूद उनके साले मोहम्मद आलम द्वारा भी उल्टा सीधा बोला गया और कहा कि तुम्हारा पैसा नहीं मिलेगा, हमारे घर पर दोबारा नहीं आना।
ममता का आरोप है कि अकेले उनका ही नहीं बल्कि ज्वैलर्स मालिक नौशाद ने कई लोगों का पैसा हड़प लिया है। वो अपने साले की मदद से कहीं और छुपकर रह रहा है। इंस्पेक्टर रेलबाजार के मुताबिक पीड़िता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ज्वैलर्स की तलाश की जा रही है। जल्द मामले में कार्रवाइ की जाएगी।
इलाके की जेहाना बानों ने भी बताया कि उन्होंने ज्वैलर्स को सिर का टीका बनाने के लिए साठ हजार रुपए दिए थे। वो भी फंस गए हैं। ज्वैलर्स के दुकान बंद करने के बाद दुकान के बाहर कई महिलाएं इकट्ठा हो गई। सायरा बानो ने बताया कि उन्होंने 20 हजार जेवर बनाने के लिए दिया था। नगमा के भी तीस हजार रुपए है जो कि 15 दिन पहले दिए गए थे। चौबेपुर की शिफा ने एक किलो चांदी ज्वैलर्स के यहां दी थी।
इस प्रकरण में अर्श ज्वैलर्स के मालिक नौशाद की सास सिम्मी ने बताया कि व्यापार में बहुत घाटा हो गया था। जिसके कारण नौशाद का दिमागी संतुलन बिगड़ गया था। इधर घर पर ग्राहक भी पहुंच रहे थे। कोई चप्पल मारने के लिए उठा लेता था, तो कोई गिरहबान पकड़ लेता था। उनके तीन बेटे हैं, जिसमें बड़े बेटे की तबियत खराब है। इस कारण दुकान बंद करनी पड़ी।