
संवाददाता
कानपुर। अल्जीरिया की फैक्ट्री में हुए विस्फोट से मारे गए भीतरगांव निवासी अनादि मिश्रा का शव शीघ्र ही उनके पैतृक घर लाने के लिए नगर के प्रशासनिक अधिकारियों ने कमर कस ली है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों का अल्जीरिया स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों से सम्पर्क लगतार बनाए रखने का काम जारी है। शनिवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने उनके पैतृक गांव जाकर परिजनों को ढांढस बंधाया और हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया।
गौरतलब है कि श्रमायुक्त मार्केंडेय शाही एवं जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के प्रयासों से अल्जीरिया स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों से संपर्क स्थापित हो गया है। शीघ्र ही दिवंगत अनादि मिश्रा का शव भीतरगांव ब्लॉक के बैरी गांव में लाया जायेगा।
अनादि मिश्रा अल्जीरिया में गत 17 जुलाई को फैक्ट्री में हुए विस्फोट की एक दुखद दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए थे और 18 जुलाई को उनका निधन हो गया था।वह वहां ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे। घटना के लगभग 15 दिन बीत जाने के बाद भी उनका शव गांव नहीं पहुंच सका जिसके लिए श्रमायुक्त और जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता एवं परिवार की पीडा को समझा और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास शुरु किए जिसकी सफलता भी मिलती दिखायी दे रही है। मामला इतना गंभीर था कि बेटे के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे 68 वर्षीय बुजुर्ग पिता राजेंद्र मिश्रा सदमे में बुधवार को चल बसे थ। बेटे की मौत के बाद अब पिता की मौत से परिवार में कोहराम मच गया था।
बताते चलें कि भीतरगांव निवासी अनादि मिश्रा ने 18 जून को अल्जीरिया की स्पंज आयरन कंपनी में ऑपरेटर के रूप में काम शुरू किया था। मात्र एक महीने बाद ही 17 जुलाई को कारखाने में हुए भीषण ब्लास्ट में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे जहां अस्पताल में इलाज के दौरान अगले दिन 18 जुलाई को उन्होंने दम तोड़ दिया था। परिवार को जैसे ही यह खबर मिली, हर कोई सदमे में डूब गया था। अनादि के छोटे भाई अर्पित मिश्रा ने बताया कि उनके पिता राजेंद्र मिश्रा पहले से ही कैंसर से जूझ रहे थे। बेटे की मौत की खबर ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया। उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया और हर पल बेटे के शव के आने का इंतजार करते रहे थे।
घटना के 15 दिन बीत जाने के बावजूद अनादि का शव भारत नहीं लाया जा सका। इस इसी इंतजार ने परिवार की उम्मीदों को धीरे-धीरे तोड़ दिया । बीते बुधवार को राजेंद्र मिश्रा का भी देहांत हो गया था। परिवार के लिए यह दोहरा दुख असहनीय हो गया। घर में अब अनादि की मां कांती मिश्रा, भाभी सुनीता, बहनें पूनम, प्रीती, स्वाती और भतीजे विभू व रिभू बचे हैं। पूरा परिवार गम में डूबा है।
गांव में भी इस घटना से शोक की लहर है। मृतक के छोटे भाई अर्पित के अनुसार प्रशासन और कंपनी से शव लाने के लिए बार-बार संपर्क किया गया था जिसको गंभीरता से लिया गया और अल्जीरिया से शव को लाने की हरी झण्डी मिलने के आसार जाग गए। परिवार अब बस यही चाहता है कि अनादि का शव जल्द से जल्द गांव पहुंचे, ताकि उनकी अंतिम विदाई सम्मान के साथ हो सके।