August 2, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
कूटरचित दस्तावेजों के जरिए सीटीएस बस्ती में वृद्धा की जमीन बेचने के आरोपी एडवोकेट श्याम सिंह राणा की जमानत अर्जी जिला जज न्यायालय ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी। एडवोकेट के जमीन हड़पने के मामले में तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच भी की थी। उसमें भी एडवोकेट को दोषी पाया गया है।
बीती 16 मार्च को कल्याणपुर पुलिस ने एडवोकेट श्याम सिंह राणा को गिरफ्तार किया था। उसपर सीटीएस बस्ती में वृद्ध महिला चन्द्रावती की समाज कल्याण विभाग से पट्टे पर मिली जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर उसके बाद जमीन पर कब्जा करके बेचने का आरोप लगाया  था।
इसी प्रकरण में एडीजीसी ओंकारनाथ वर्मा ने बताया कि श्याम सिंह की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में उसके खिलाफ 10 मुकदमों का आपराधिक इतिहास पेश किया गया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित की ओर से आरोपी को झूठा फंसाए जाने का तर्क रखा गया और दो मुकदमे निस्तारित हो जाने और दो मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लग जाने की बात कही गई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला जज ने श्याम सिंह राणा की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
पीड़िता चंद्रावती का प्रार्थना पत्र आने के बाद पुलिस आयुक्त अखिल कुमार के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई गई थी। एडीएम फाइनेंस, सहायक पुलिस उपायुक्त और समाज कल्याण अधिकारी ने इस मामले की जांच की। जांच में श्याम सिंह राणा के ऊपर लगाए गए आरोपों को सही पाया। टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी, जिसके बाद न्यायालय ने इस मामले में प्रथम दृष्ट्या गंभीर अपराध कारित होने की आशंका में जमानत अर्जी खारिज कर दी।
सीटीएस बस्ती के मकान नंबर 10 में रहने वाली बुजुर्ग महिला चंद्रावती ने कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें सीटीएस बस्ती में रहने वाले एडवोकेट श्याम सिंह राणा पर समाज कल्याण विभाग द्वारा पट्टे पर दी गई जमीन पर कब्जा कर लेने का आरोप लगाया गया था। इसके लिए एडवोकेट ने फर्जी वसीयत, बिक्री अनुबंध, इकरारनामा और फर्जी डीड तैयार कराई थी। उसने जमीन का काफी हिस्सा बेच भी दिया था । 

पीड़िता महिला चंद्रावती ने इसका विरोध किया तो श्याम सिंह ने उसके साथ मारपीट की और गाली-गलौज करते हुए हत्या कर देने की धमकी भी दी थी। 

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