
संवाददाता
कानपुर। नरवल स्थित जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान में प्रमुख शिक्षाविद डॉ. वीएन शुक्ल व वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी रहे नलिन अवस्थी की स्मृति में साहित्य समागम एवं काव्योत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रोता काव्य के हर रस में डूबे रहे।किसी कवि ने हास्य तो किसी ने वीर रस पर कविता पढ़ श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध होने पर मजबूर कर दिया।
इस अवसर पर कवि प्रियांशु गजेंद्र ने ‘फूलों के दिन, शूलों के दिन, गुड़हल और बबूलों के दिन सबके आते हैं, दिन से क्या घबराना, दिन तो आते-जाते हैं’ सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया।
कवि अभय सिंह ‘निर्भीक’ ने अपनी पंक्तियों ‘प्रेमी जिनको समझ रही हो, हवसी और दरिंदे हैं, बहनों तुम पर बाबर और खिलजी का उन्माद नहीं होगा, पद्मावती से सीखोगी तो लव जिहाद नहीं होगा’ से खूब तालियां बटोरीं।
हास्य कवि प्रमोद पंकज ने महंगाई पर कटाक्ष करते हुए अपनी रचना ‘अक्कड़-बक्कड़ क्कड़ बंबे बोल, 90 डीजल और 100 पेट्रोल। सौ में लगा धागा, उछल सिलिंडर भागा’ प्रस्तुत कर दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
एसडीएम नरवल विवेक कुमार मिश्रा ने ‘यूं तो हर दिल में मोहब्बत की चाह होती है, जिससे होती है बेपनाह होती है’ सुनाकर वाहवाही लूटी।
धीर पाल सिंह धीर ने भी अपनी कविता सुनाई और हेमंत पांडे ने अपनी प्रस्तुति से सभी को हंसाया। अन्य कवियों में धीरज सिंह चंदन, सौरभ कांत शर्मा, आदित्य विक्रम, डॉ. पवन मिश्रा, कवयित्री डॉ. शुभम त्यागी और हेमा पांडे शामिल रहे, जिन्होंने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम के संयोजक सुरेंद्र अवस्थी रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने किया।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने संबोधन में कहा कि कवि समाज की आत्मा और साहित्य राष्ट्र की चेतना है। उन्होंने देश के विभिन्न कोनों से आए चर्चित कवियों की सराहना की, जिनकी रचनाओं ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। यह कार्यक्रम देर रात तक चला।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विनय मिश्रा, अजय प्रताप सिंह, विनय प्रताप सिंह, गणेश दत्त पांडेय, रानू शुक्ला, मनीष विश्वकर्मा, अजीत निषाद, भानु प्रकाश पांडेय सहित सैकड़ों की संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।





