
संवाददाता
कानपुर। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक गली-मोहल्लों के निकलकर शहर के सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठानों तक पहुंच गया है। अस्पताल, प्राइवेट सरकारी विभागों में आवारा कुत्ते लोगों को दौड़ा रहे हैं। यही नहीं शहर का हवाई अड्डा भी कुत्तों के आतंक से नहीं बच सका है। यहां कुत्ते स्टॉफ के साथ ही यात्रियों को परेशान कर रहे हैं। कुत्तों के आतंक से परेशान एयरपोर्ट अथॉरिटी ने नगर निगम से इन्हें पकड़कर दूसरे स्थान पर छोड़ने को लेकर पत्र लिखा है।
कानपुर नगर निगम की सीमा में लगभग 1.50 लाख कुत्ते आवारा घूम रहे हैं। जिसमें से अभी तक लगभग 45-50 हजार कुत्तों की नसबंदी हो पाई है। शहर की हर गली, सड़क, सरकारी दफ्तर, पार्क, अपार्टमेंट स्कूल के बाहर कुत्तों का झुंड नजर आ जाएगा। अब तो कानपुर हवाई अड्डे पर भी इनकी संख्या बढ़ गई है, जिससे परेशान हवाई अड्डे के निदेशक संजय कुमार ने नगर निगम के नगर आयुक्त सुधीर कुमार को पत्र लिखकर हवाई अड्डा परिसर में अवारा कुत्तों को पकड़वाने का अनुरोध किया है। निदेशक ने कहा है कि इन कुत्तों को हवाई अड्डे से दूर स्थान पर छोड़ा जाए, जिससे यात्रियों की यात्रा सुखद और सुरक्षित हो सके।
शहर के उर्सला और हैलट अस्पताल में आवारा कुत्ते टहलते दिख जाएंगे। यहां मरीजों और तीमारदारों के बीच यह कई बार झुंड में आ जाते हैं। इसके साथ केडीए व नगर निगम के आस-पास भी आवारा कुत्ते टहलते हैं। इसी तरह पीडब्ल्यूडी विभाग, कचहरी परिसर में भी आवारा कुत्ते टहलते हैं जो मौका पाकर लोगों को दौड़ाने से चूकते नहीं हैं। यह विभाग भी परेशान होकर नगर निगम को कुत्तों को पकड़ने व स्थानांतरित करने के लिए पत्र लिख चुके हैं।
पाश इलाके भी कुत्तों के आतंक से दूर नहीं है। तिलक नगर, आर्य नगर, स्वरूप नगर, दर्शनपुरवा, रामबाग, मरियमपुर, रामकृष्ण नगर, गांधी नगर, जवाहर नगर, ईदगाह, परेड चौराहा, परमट, फेथफुलगंज, काकादेव, छपेड़ा पुलिया, नमक फैक्ट्री चौराहा, गोविंद नगर, किदवई नगर, जूही आदि क्षेत्रों में कुत्तों का आतंक है, जिसके आगे नगर निगम भी नतमस्तक है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कुत्तों का बंध्याकरण कराके पकड़े गए स्थान पर छोड़ देता है।
मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके निरंजन ने बताया कि फूलबाग में एनीमल बर्थ कन्ट्रोल सेन्टर स्थापित कर 2 गाड़ियों के माध्यम से विभिन्न स्थानों से प्रतिदिन 40 आवारा निराश्रित कुत्तों को पकड़कर बांध्याकरण का कार्य किया जा रहा है, जिन्हें कुछ दिनो के बाद दोबारा पकड़े हुए स्थान पर छोड़ा जाता है। क्षमता में वृद्वि किये जाने के लिये एक अन्य एनीमल बर्थ कन्ट्रोल सेन्टर का निर्माण किशनपुर में हो गया है। इसके साथ मोतीझील में तुलसी उपवन में डॉग पार्क बनाने की तैयारी है।