
संवाददाता
कानपुर। महोली गांव में लगभग दो सौ वर्ष पुराना श्री गयादीनेश्वर महादेव शिव मंदिर स्थित है। यह मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। गांव के श्रद्धालु प्रतिदिन इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। सावन और शिवरात्रि के दौरान यहां विशेष रुद्राभिषेक और पूजा का आयोजन होता है। भक्तों का मानना है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना भगवान गयादीनेश्वर महादेव पूरी करते हैं। जिन भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, वे मंदिर आकर पूजा-आरती करते हैं और पीतल के घंटे चढ़ाते है। एकादशी के दिन भगवान शिव का विशेष श्रृंगार किया जाता है। यह प्राचीन मंदिर आज भी भक्तों की आस्था और विश्वास का प्रतीक बना हुआ है।
मंदिर के पुजारी रमेश प्रसाद त्रिवेदी के अनुसार, इस मंदिर का इतिहास बहुत रोचक है। ब्रिटिश शासन काल में महोली गांव के गयादीन तिवारी नील और कपास का व्यापार करते थे। एक बार जब वे अपना माल बेचने कानपुर बाजार गए, तो ब्रिटिश अधिकारियों ने उनका माल खरीदने से मना कर दिया।
निराश होकर गांव लौटने के बाद, गयादीन तिवारी ने रात में प्रार्थना की कि अगर उनका नील और कपास बिक जाए तो वे शिव मंदिर बनवाएंगे। अगले दिन उनका माल अधिक मूल्य पर बिक गया। खुशी-खुशी घर लौटकर उन्होंने परिवार के सदस्यों से सलाह लेकर 1873-1881 के बीच महोली गांव के बाहर मंदिर का निर्माण शुरू करवाया। मंदिर में एक पत्थर स्थापित है जिस पर किसी अज्ञात भाषा में लेख है, जिसे आज तक कोई पढ़ नहीं पाया है। शिव मंदिर समेत पूरा परिसर 14 बीघा क्षेत्र में फैला है। मंदिर के पास एक तालाब भी है।
भक्तों के अनुसार, कुशल कारीगरों द्वारा मंदिर का निर्माण किया गया था। शिव मूर्ति को बैलगाड़ी से लाया गया था। मंदिर का गेट छोटा था और शिव मूर्ति का आकार बड़ा था, इस कारण मूर्ति मंदिर में नही जा पाई।
जिससे सभी लोग चिंतित व परेशान हो गए। मंदिर के गेट को तोड़ने की बात समाने आई। गयादीन तिवारी ने शिव मूर्ति को मंदिर के गेट के समाने रखवा दिया। और घर चले गए इसके बाद चार दिन लगातार सभी गांव के लोगों ने मूर्ति की प्रतिदिन विधिवत पूजा अर्चना की।
पांचवें दिन के बाद रात में गयादीन तिवारी को भगवान भोलेनाथ का सपना आया। सपने में उन्होंने कहा कि मेरी मूर्ति को अंदर स्थापित किया जाए, सुबह हुई तो गयादीन को सपने की बात याद आई उन्होंने घर के सभी लोगों को और पड़ोस के बुजुर्गों की सपने वाली बात बताई। गयादीन तिवारी सभी ग्रामीणों को लेकर मंदिर पहुंचे यहां आचार्यों द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना की गई।
महोली गांव निवासी देव शुक्ला, प्रभात सिंह, शिवम सिंह गौर आदि भक्त बताते हैं कि स्थापित शिव मूर्ति की विशेषता यह है कि शिव मूर्ति में चमकता चांद है। और जनेऊ पहने हुए हैं। शिव मंदिर का मुख पूर्व दिशा में है। भगवान शिव के प्रति लोगों में अटूट आस्था जुड़ी है। आसपास के गांवो सहित दूर दूर से श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर पूजा आराधना करते हैं।