
संवाददाता
कानपुर। गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज कानपुर के हैलट अस्पताल के ईएनटी विभाग के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ बीमारी एस्परगिलोसिस का सफल ऑपरेशन किया है। डॉक्टरों के मुताबिक इस तरह के मरीज साल में एक या दो आते होंगे, लेकिन इस बीमारी के फंगस को अब दूरबीन विधि से ऑपरेशन करके उसे सफलता पूर्वक हटा सकते हैं।
यह एक तरह की फंगस के कारण होने वाली बीमारी है। जो नाक व कान के जरिए होती है। यह फंगस अक्सर सड़ी हुई पत्तियों व अनाजों में भी पाया जाता है। इस फंगस को एस्परगिलोसिस कहते हैं। जो एक गांठ का रूप ले लेता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
एस्परगिलोसिस की सर्जरी ईएनटी विभाग में प्रोफेसर डॉ. हरेंद्र कुमार की देखरेख में की गई। उन्होंने बताया कि दोनों ही रोगियों में सामान्य लक्षण देखने को मिले। रोगियों ने डाक्टरों को बताया कि आंखों में धुुंधला दिख रहा है। साथ ही डबल दिख रहा था। इसके अलावा विजन काफी कमजोर होता जा रहा था। नेत्र रोग में दिखाने पर डाक्टरों ने मरीज को एमआरआई कराने की सलाह दी।
एमआरआई कराने पर पता चला कि आंखों के पीछे एक गांठ है। इसके बाद मरीज को न्यूरो सर्जन को दिखाने के लिए भेजा गया। वहां पर डाक्टरों ने परीक्षण किया। फिर ईएनटी चिकित्सकों को दिखाने की सलाह दी।
ईएनटी विभाग में पहले दूरबीन विधि से मरीजों की गांठ का परीक्षण किया गया। इसमें देखा गया कि यह एक तरह का फंगस है।
पहले रोगी का आपरेशन मई माह में किया गया। जो रसूलाबाद की रहने वाली हैं। उनकी आंखों में दिखना कम हो गया था। नेत्र रोग व न्यूरो में दिखाने के बाद ईएनटी विभाग में जांचें देखी गईं और महिला का आपरेशन सफलतापूर्वक किया गया। इनकी बायोप्सी जांच में सब कुछ सामान्य निकला। डॉ. हरेंद्र ने बताया कि यह सर्जरी डॉ. काजी साकिब द्वारा की गई। डॉ. काजी ने बताया कि आपरेशन के बाद मरीज का विजन पूरी तरह ठीक हो गया।
वहीं, दूसरा आपरेशन यशोदा नगर निवासी 45 वर्षीय युवक का किया गया। ये मरीज भी आंखों में धुंधलापन व डबल दिखने की समस्या लेकर 20 जून को हैलट के ईएनटी विभाग पहुंचा था।
इसकी भी एमआरआई जांच कराई गई। उसमें फंगल इंफेक्शन की गांठ देखी गई।आपरेशन के बाद बायोप्सी जांच के लिए भेजी गई। इसमें रिपोर्टों में एस्परगिलोसिस फंगस आया।
सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. भविष्य कुमार पटेल, डॉ. स्वाति कश्यप, डॉ. प्रज्ञा पांडेय, डॉ. साफिया फिरदौस, डॉ. गायत्री मौजूद थी।