कानपुर। युवा छात्र प्रतिभागियों के लिए वैज्ञानिक सोच को विकसित करने और उन विषयों में जागरुक करने के उददेश्य से कानपुर आईआईटी में ‘अंतरिक्ष-24’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंगलवार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर आयोजित इस ‘अंतरिक्ष-24’ शैक्षणिक कार्यक्रम में छात्रो को डिपार्ट्मन्ट ऑफ स्पेस, प्लैनिटेरी एण्ड ऐस्ट्रनामिकल साइंसस् एण्ड इंजीनियरिंग और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने जानकारी साझा की । इसका उद्देश्य प्रतिभागियों में जिज्ञासा जगाना और वैज्ञानिक मानसिकता को बढ़ावा देना था।स्पेस के प्रमुख प्रो. पंकज जैन और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रमुख प्रो. गोपाल कामथ ने ‘अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की भूमिका: उद्योग-अकादमिक भागीदारी के माध्यम से क्षेत्रीय विकास के अवसरों की खोज’ विषय पर चर्चा की। इसमें शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया। साईं इंडिया के अध्यक्ष और अनंत टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी डॉ. सुब्बा राव पावुलुरी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम के महत्व पर अपने विचार साझा किए। आईआईटी कानपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रो. ब्रज भूषण ने भी श्रोताओं को संबोधित किया और स्कूली छात्रों को इस तरह की पहल में अधिक सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। यू आर राव सेटेलाइट सेंटर की निगार शाजी ने “भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम” पर बोलते हुए भारत के विज्ञान मिशनों, तकनीकी चुनौतियों, उपलब्धियों और भविष्य के प्रयासों पर चर्चा की। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के प्रो. संदीप साहिजपाल ने “अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र: हमारी वर्तमान समझ” पर एक व्याख्यान दिया। इसके बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र हुआ, जिसे छात्रों ने खूब सराहने का काम किया। निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा, ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर, अंतरिक्ष विज्ञान के विशाल क्षेत्र का पता लगाने और जश्न मनाने के लिए अंतरिक्ष’24 कार्यक्रम प्रतिभागियों के एक विविध समूह को एक साथ लाया। इस कार्यक्रम ने अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला और नवाचार को बढ़ावा देने में शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग के महत्व को मजबूत किया।