February 5, 2025

—नाले गिर रहे सीधे गंगा में।

आ स. संवाददाता 

कानपुर। महाकुंभ को शुरू होने में 13 दिन ही बचे है, लेकिन अब भी गंगा और पांडु नदी में गंदगी जाने से अधिकारी रोक नहीं पा रहे हैं। केस्को द्वारा बेतहाशा बिजली कटौती की वजह से बिनगवां एसटीपी के बंद रहने से नालों का दूषित पानी सीधे पांडु नदी में गिराया जा रहा है। इसका असर गंगा पर भी पड़ रहा है। 

जल निगम ग्रामीण ने केस्को का दिसंबर माह में बिजली कटौती का आंकड़ा देते हुये कहा है कि ऐसी हालत में गंगा की निर्मलता को बनाए रखने में मुश्किल हो रही है।

ऐसा नहीं है की बिनगवां एसटीपी में मात्र एक दिन ही बिजली कटौती की गई है, और नाले का दूषित पानी बायपास कर पांडु नदी में छोड़ा गया है।
उत्तर प्रदेश जलनिगम ग्रामीण के अधिशाषी अभियंता ने केस्को को इस संबंध में पत्र भेजा है। पत्र के अनुसार दिसंबर महीने में ही कुल 8 दिन में 83 घंटे बिजली कटौती हुई, जिसकी वजह से यहां प्राइवेट कंपनी ने 47 घंटे जेनरेटर चलाकर नालों के पानी को शोधित किया। 36 घंटे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट न चलने से नालों का दूषित पानी पांडु नदी में सीधा छोड़ा गया।
सीओडी नाले का पानी पांडु नदी का लगातार प्रदूषित कर रहा है। यहां कंपनी के कर्मचारियों के अनुसार सीओडी नाले के डायवर्जन पॉइंट पर लगी जाली खराब हो जाने के कारण वहां से अब भी दूषित पानी बायपास कर पांडु नदी में छोड़ा जा रहा है।
एसटीपी संचालन के लिए चार मोटर एक साथ चलाने की आवश्यकता होती है। जबकि यहां पर लगे जनरेटर मात्र तीन मोटर चलाने की ही क्षमता रखते हैं।
बिजली कटौती होने पर जनरेटर चलता जरूर है, लेकिन पानी शोधन का काम पूरी तरह से नहीं हो पाता है, इस दौरान करोड़ों लीटर गंदा दूषित पानी बिना शोधित हुए सीधे पांडु नदी में गिर जाता है।