कानपुर। कालिंदी एक्सप्रेस को सिलेंडर और पेट्रोल बम से उड़ाने की कोशिश के पीछे एनआईए-एटीएस की जांच की रडार में अभी तक 17 संदिग्ध लोग आ चुके हैं। उन सभी से एटीएस की टीम ने पूछताछ कर अपनी जांच की गति को बरकरार रखा है। जांच एजेंसियों की माने तो पाकिस्तानी आतंकी फरहतुल्लाह गोरी ने भारत में ट्रेनों को पटरियों से उतारने की धमकी दी थी। इसके बाद एक्टिविटी बढ़ी हैं, मगर उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही है। क्योंकि ये कोई ट्रेंड आतंकी नहीं हैं।एटीएस के वरिष्ठ अफसर ने बताया- शिवराजपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश के पीछे किसी बड़े आतंकी संगठन का हाथ नहीं लग रहा है। लेकिन ये सेल्फ रेडिक्लाइज आतंकी हो सकते हैं। क्योंकि जिस तरह से सिलेंडर को पटरी के बीच रखा गया, पेट्रोल बम और बेहद कम मात्रा में विस्फोटक रखा गया। यह तरीका बहुत परिपक्व नहीं था। इससे साफ है कि साजिश रचने वाला कोई बहुत ट्रेंड व्यक्ति नहीं था।पाकिस्तान में रह रहे भारत के वांटेड आतंकी फरहतुल्लाह गोरी ने एक वीडियो में भारत पर हमले की धमकी डी थी। उसने अपने स्लीपर सेल्स से दिल्ली-मुंबई समेत दूसरे शहरों में ट्रेनों को पटरियों से उतारने और सप्लाई चेन को डिस्टर्ब करने के लिए कहा है।यह वीडियो हाल ही में टेलीग्राम पर अपलोड किया गया। 28 अगस्त, 2024 को यह मीडिया में सामने आया। वीडियो में गोरी आतंकियों से कह रहा है- बम विस्फोट में प्रेशर कुकर का इस्तेमाल करें। भारत सरकार की खुफिया एजेंसियां के मूवमेंट से स्लीपर सेल नेटवर्क कमजोर पड़ रहा है। हम वापस आएंगे और सरकार को हिलाकर रख देंगे।’गोरी को भारत सरकार ने यूएपीए के तहत आतंकी घोषित कर रखा है। अब अधिकारी मान रहे हैं कि ये वीडियो सुनकर कानपुर के शिवराजपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश रची गई।सेल्फ रेडिक्लाइज आतंकियों की धर-पकड़ के लिए वारदात स्थल के आसपास के करीब 15 गांवों को जांच के दायरे में लिया गया है। खास बात यह है कि यहां पर चौतरफा मुस्लिम आबादी है।जांच एजेंसियां कई संगठनों की छानबीन कर रही हैं। जो नए युवकों को इस तरह की वारदात के लिए फंडिंग कर सकते हैं।वारदात स्थल के 1 किमी के दायरे में आने वाले 12 गांव में रहने वाले परिवारों के एक-एक सदस्य की पड़ताल की जा रही है। इन गांव से कौन गायब है। हाल ही में कौन गांव में आया।शिवराजपुर की 3 गैस एजेंसियों में पिछले 7 दिन में सिलेंडर खरीदने वाले एक-एक व्यक्ति का सत्यापन किया जा रहा है। डिलीवरी मैन ने किसी को सिलेंडर बगैर कनेक्शन के ब्लैक में तो नहीं बेचा। एक-एक डिलीवरी मैन से पूछताछ की जा रही है।शिवराजपुर टोल प्लाजा और छिबरामऊ सियाराम स्वीट्स के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। इस इलाके के कोल्ड स्टोरेज, ढाबा और दाल मिल के सीसीटीवी फुटेज जांचे जा रहे हैं।सर्विलांस टीम संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। घटनास्थल से 300 मीटर दूर कानपुर-अलीगढ़ हाईवे पर गाड़ियों के मूवमेंट से जांच में दिक्कत आ रही है। फिर भी हजारों नंबरों की जांच की जा रही है।वारदात स्थल के आस-पास आने वाले जमातियों को भी जांच के दायरे में लिया गया है। किन मजार या मस्जिद के आसपास सबसे ज्यादा जमाती आते हैं।अलीगढ़-कानपुर हाईवे पर ट्रैफिक मूवमेंट ज्यादा होने की वजह से सर्विलांस टीम को ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही है।अलीगढ़-कानपुर हाईवे पर ट्रैफिक मूवमेंट ज्यादा होने की वजह से सर्विलांस टीम को ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही है।ट्रेन को पलटाने की कोशिश की साजिश सामने आने के बाद मौके पर जांच एजेंसियों को 3 सबसे अहम साक्ष्य मिले। पहला सिलेंडर, जिससे ट्रेन को उड़ाने का प्रयास किया गया। दूसरा पेट्रोल बम जो ट्रेन को उड़ाने के लिए रखा गया। तीसरा माचिस और छिबरामऊ कन्नौज स्थित सियाराम स्वीट्स का झोला। स्वीट हाउस के डीवीआर की जांच की गई, मगर सिर्फ फुटेज देखकर किसी की शिनाख्त करना बेहद मुश्किल है।वारदात स्थल के आसपास 3 गैस एजेंसियां हैं। इसमें से एक सबसे नजदीक मीना सिंह गैस एजेंसी शुक्लापुर शिवराजपुर में है। इसके साथ ही अन्य 2 एजेंसियों में पिछले 7 दिन में सप्लाई किए गए सिलेंडरों की संख्या का रिकॉर्ड जांच एजेंसियों ने लिया है।जहां-जहां पर सिलेंडर डिलीवर हुए या दिए गए, उनके पास अभी मौजूद हैं या नहीं, इसकी तस्दीक की जा रही है।मौके से बरामद हुई माचिस की जांच की गई। इस कंपनी का माचिस गोदाम शिवराजपुर में ही है। शिवराजपुर इलाके में भारी पैमाने पर इस माचिस की सप्लाई है। इससे संभावना जताई जा रही है कि ट्रेन को उड़ाने की साजिश रचने वाला कोई लोकल का व्यक्ति ही शामिल है।ट्रेन को उड़ाने की साजिश का खुलासा होने के बाद पुलिस ने आसपास के गांव से करीब 14 लोगों को हिरासत में लिया है। यह सभी आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। वारदात के दौरान, इससे पहले और बाद में ये सभी व्यक्ति कहां पर थे। यह पूछताछ चल रही है। इसमें से 8 मुस्लिम और 6 हिंदू हैं। 20 घंटे से पूछताछ की जा रही है। 48 घंटे में जांच एजेंसियों ने करीब 250 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। एटीएस, एनआईए और आईबी समेत अन्य ने कानपुर में डेरा डाल दिया है। इस जांच में करीब 250 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को लगाया गया है। कालिंदी एक्सप्रेस केस को सुलझाने के लिए कानपुर पुलिस ने स्पेशल टीम बनाई है। इसमें इंटेलिजेंस, ऑपरेशन, जांच और सुपरविजन के लिए अलग-अलग अधिकारी रखे गए हैं। इस एसआईटी का चीफ डीसीपी वेस्ट को बनाया गया है। इसकी मॉनीटरिंग एडिशनल सीपी हरीश चंदर कर रहे हैं।