कानपुर। शहर के कुछ हिस्सों में पाकेट वर्षा से लोगों की मुसीबत बढाने का काम किया कई दिन बाद हुई झमाझम बारिश ने जहां उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत दी, वहीं जलभराव ने मुसीबत बढ़ा दी। शहर के सघन इलाकों की गली पिट और नालियों की ठीक से सफाई न होने से कई क्षेत्रों में घुटनों तक पानी भर गया। सीसामऊ नाला उफनाने से वीआइपी रोड व खलासी लाइन में पानी भर गया। शहर की प्रमुख बाजार बिरहाना रोड तक जलभराव से अछूती नहीं रही। यही हाल पीपीएन मार्केट, साइकिल मार्केट, पीरोड पर रहा। जलभराव के चलते कई इलाकों में जाम लग गया।सावन के महीने में हो रही बारिश ने ऐसा रूप अपनाया है कि शहर के एक हिस्से में झमाझम पानी बरस रहा है तो दूसरे हिस्से में पूरी तरह से सूखा पड़ा हुआ है। मानसून के इस बदले ट्रेंड ने मौसम वैज्ञानिकों के साथ आम आदमी को भी हैरान कर रखा है। बीच शहर में झमाझम बारिश के बावजूद साउथ सिटी में बारिश का नामोनिशान तक नहीं देखा गया. यहां पर कुछ जगहों पर छिटपुट बूंदें गिरीं लेकिन अन्य स्थानों पर बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी. हालांकि, बादलों की आवाजाही से मौसम में ठंडक जरूर बनी रही।. मौसम विशेषज्ञों का भी कहना है कि इस बार मानसूनी बारिश का ट्रेंड पॉकेट वर्षा के रूप में ही देखा जा रहा है।. आने वाले दिनों में भी इसी तरह की बारिश की उम्मीद है.मानसून के इस सीजन में कानपुर में हो रही इस तरह की पॉकेट रेन का नजारा सिविल लाइंस, ग्वालटोली, मैकरॉबर्टगंज, मालरोड आदि स्थानों पर देखने को मिला, जहां पर बादलों ने ऐसी झमाझम बारिश की, तो हर कोई उसमें भीगता हुआ नजर आया,, एक घंटे से अधिक समय तक हुई बारिश की वजह से सीसामऊ नाला भी उफना गया।, जिसकी वजह से ग्वालटोली, खलासी लाइन में लोगों के घरों के आगे लबालब पानी भर गया।. सीसामऊ नाले के उफनाने से इसके दोनों तरफ सड़क पर घुटनों तक पानी भर गया, इसकी वजह से नाले के आसपास बने करीब आधा दर्जन स्कूलों के बच्चे भी छुट्टी होने के बाद स्कूल कैंपस में फंसे रहे।. पानी कम होने के बाद इन बच्चों को बाहर निकाला गया. यही नहीं, पानी भरने के बाद यहां के लोग भी अपने घरों में फंसे रहे।