July 1, 2025

संवाददाता

कानपुर।  आईआईटी कानपुर के स्मार्ट मैटेरियल्स, स्ट्रक्चर्स और सिस्टम्स लैब के 25 साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

8 जून 2000 को स्थापित एसएमएसएस प्रयोगशाला ने एआर एंड डीबी और एसकॉस्ट परियोजना के ग्रांट-इन-एड समर्थन से स्मार्ट मैटेरियल्स में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में निरंतर विकास किया है। इस लैब को आईआईटी कानपुर और शिक्षा मंत्रालय द्वारा मॉडरोब ग्रांट के माध्यम से भी महत्वपूर्ण सहायता प्राप्त हुई है। इसके अलावा इसरो, एच एएल और गैल जैसी प्रमुख संस्थाओं ने भी इस प्रयोगशाला को वित्तीय सहायता दी है।

एसएमएसएस लैब ने हमेशा नए और उन्नत शोध का काम किया है। यह लैब स्मार्ट सेंसर, एक्टुएटर, स्मार्ट सिस्टम डिजाइन और रोबोटिक्स में लगातार बेहतर बनने की कोशिश करती रही है।

पिछले 25 सालों में, इस लैब ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है। यहां अब तक 116 एम.टेक, एमएस(आर), और एम.डेस के छात्रों के शोध कार्य पूरे किए गए हैं और 22 छात्रों ने पीएच.डी. पूरी की है। इस साल, 5 पीएच.डी. और 2 एम.टेक छात्र आईआईटी कानपुर के 58वें दीक्षांत समारोह में ग्रेजुएट हुए हैं। इनके शोध विषयों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शेप मेमोरी अलॉय से फिन कूलिंग, स्ट्रक्चरल हेल्थ मॉनिटरिंग के लिए मेटामटेरियल आधारित इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ध्वनि ट्रांसड्यूसर, सटीक खेती के लिए कृषि रोबोट, नरम सब्ज़ियां और फल तोड़ने के लिए स्मार्ट ग्रिपर, और नदी-झील की जल गुणवत्ता जांचने वाले ऑटोनॉमस सिस्टम शामिल हैं। एम.टेक छात्रों ने ए आई आधारित एकूस्टिकब्लैक होल तकनीक के डिज़ाइन और विकास में भी अच्छा काम किया है।

प्रयोगशाला ने अपना सबस्टेशन निरीक्षण रोबोट (एसआईआर) विकसित किया है। फिलहाल एसएमएसएस लैब सीएमपीडीआई द्वारा समर्थन प्राप्त माल ले जाने के लिए कार्गो हाइपरलूप, आईआईटी कानपुर के सहयोग से व्हीलचेयर जैसे मेडिकल उपकरण, सीपीआर आई की मदद से बिजली की सुविधाओं की जांच के लिए यूजीवी और यूएवी ड्रोन समूह और पोर्टस्कैप द्वारा वित्तीय सहायता से एसएएमए आधारित रोटरी एक्टुएटर्स जैसे कई राष्ट्रीय मिशन परियोजनाओं पर काम कर रही है।

इस लैब को लेकर लगभग 200 जर्नल में पेपर प्रकाशित हो चुके हैं, 60 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लिया है, और 25 से अधिक पेटेंट हासिल किए हैं। यह लैब जापान, इटली, ताइवान, स्वीडन, यूके, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं के साथ भी मिलकर काम करती है।

कार्यक्रम के अंत में एसएमएसएस प्रयोगशाला के सभी पूर्व छात्रों, विद्यार्थियों, इंटर्न, प्रयोगशाला कर्मचारियों, आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, सहयोगियों एवं वित्तीय सहायता देने वाली एजेंसियों का धन्यवाद किया गया। इनके समर्थन ने पिछले 25 वर्षों में शिक्षा और नवाचार के इस मजबूत स्तंभ के निर्माण और निरंतरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।