
संवाददाता
कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन और इनोवेशन सेंटर ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। एसआईआईसी ने 500 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करके भारत में आईआईटी द्वारा संचालित पहले इनक्यूबेटरों में से एक बनने का गौरव प्राप्त किया है।
साल 2000 में सिडबी के सहयोग से स्थापित एसआईआईसी आज देश के सबसे प्रभावशाली और लंबे समय तक चलने वाले टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटरों में से एक है, जो नवाचार, उद्यमिता और बाजार के लिए तैयार समाधानों को बढ़ावा देता है, जो उद्योगों और समुदायों को बदल रहे हैं।
इस उपलब्धि का जश्न फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आईआईटी कानपुर के सम्मानित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मौजूदगी में मनाया गया। इसमें प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल, निदेशक, प्रो. ब्रज भूषण, उप-निदेशक, प्रो. तरुण गुप्ता, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट, प्रो. दीपू फिलिप, प्रोफेसर-इन-चार्ज, श्रीकांत शास्त्री, चेयरमैन, जियोस्पेशियल डेटा प्रमोशन एंड डेवलपमेंट कमेटी, अनुराग सिंह, सीईओ और पीयूष मिश्रा, सीओओ और सीएफओ शामिल थे। इन सभी ने एसआईआईसी की भारत की तेजी से बढ़ती स्टार्टअप अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा।
प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने इस उपलब्धि पर कहा कि 500 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करने का लक्ष्य हासिल करना आईआईटी कानपुर की नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
प्रो. दीपू फिलिप ने कहा कि यह उपलब्धी हमारे स्टार्टअप्स की दृढ़ता और नवाचार को दर्शाती है। एसआईआईसी में हमारा लक्ष्य हमेशा से मेंटरशिप, फंडिंग, बुनियादी ढांचे और नेटवर्क का सही मिश्रण प्रदान करना रहा है, ताकि डीप-टेक उद्यमी तरक्की कर सकें। यह एक आईआईटी-नेतृत्व वाले इनक्यूबेटर की पहली ऐसी उपलब्धियों में से एक है, जो हमारे द्वारा बनाए गए जीवंत पारिस्थिति की तंत्र का प्रमाण है।
2025 में एसआईआईसी ने अमेरिका स्थित एनमेक्सस के साथ साझेदारी करके अपनी वैश्विक पहुंच को और बढ़ाया, जिसने एथ्रोन एयरोस्पेस जैसे स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय अवसर और नियामक मार्गदर्शन प्रदान किया। ऐसी साझेदारियां एसआईआईसी को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक उद्यमिता के लिए एक मंच के रूप में स्थापित करती हैं।
मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाते हुए एसआईआईसी आईआईटी कानपुर यह दिखा रहा है कि अकादमिक संस्थानों में डीप-टेक इनक्यूबेशन उद्यमिता की सफलता को बढ़ावा दे सकता है और उत्तर प्रदेश और पूरे देश को आर्थिक विकास की ओर ले जा सकता है।






