
आज़ाद संवाददाता
कानपुर। गोरखपुर से इलाज के लिए बब्बर शेर पटौदी कानपुर के चिड़ियाघर पहुंच गया है। डीएफओ तथा अतिरिक्त प्रभार निदेशक कानपुर चिड़ियाघर की देखरेख में डॉक्टरों की टीम के साथ पटौदी की जांच रिपोर्ट और ट्रीटमेंट को लेकर चर्चा हुई।
निदेशक कानपुर जू, श्रद्धा यादव ने पटौदी को लेकर बताया कि इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली की टीम ने उसका गोरखपुर चिड़ियाघर में इलाज किया था। जिसकी रिपोर्ट में साफ है कि पटौदी को लीवर में प्रॉब्लम है, उसकी औसत आयु भी पूरी हो गई है। रिपोर्ट में पेनक्रिएटाइटिस की बीमारी सामने आई है।
पटौदी को जैसे ही लाया गया वह डिहाइड्रेशन की स्थिति में आया था। सबसे पहले उसको हमने हाइड्रेशन थेरेपी दी है। उसका इलाज प्रॉपर रविवार की रात से ही किया गया और सोमवार सुबह यह स्थिति रही कि पटौदी खड़ा हो सका। हालांकि ऐसा लगता है कि सफर की वजह से पटौदी ने रात का खाना नहीं खाया था।
कल जो उसे कॉम्पलेक्स दिए गए थे, उसकी वजह से थोड़ा सा चेतना में वह नजर आया। ऐसी बीमारी में जानवर खड़ा नहीं होना चाहता है। वह लेटे ही रहना चाहता है। हमें पूरा विश्वास है कि हमारे डॉक्टर बेहतर इलाज करेंगे, अपनी पूरी ताकत लगाएंगे ताकि पटौदी को जल्द से जल्द स्वस्थ किया जा सके।
पटौदी के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम में डा.नासिर, डा. नीतीश कटियार, और पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अनुराग सिंह को लगाया गया है। इसकी विशेष निगरानी के लिए हेड कीपर विनोद को भी लगाया गया है। लगातार उसकी निगरानी रखी जा रही है। क्योंकि मामला सीधे वन मंत्री के निर्देश पर कानपुर भेजे जाने से जुड़ा हुआ है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री भी इस मामले का संज्ञान ले रहे हैं। विशेष तौर से इसीलिए पटौदी की देखरेख में तकरीबन 15 लोग उसकी इलाज करने वाली टीम में लगे हुए हैं।