March 10, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
आईआईटी कानपुर की रिसर्च स्कॉलर ने डीजीपी से यौन उत्पीड़न के आरोपी एसीपी मोहसिन को बर्खास्त करने की मांग की है। पीड़िता ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और डीजीपी को पत्र लिखने के साथ ही मेल भी  भेजा है। उसका कहना है, आरोपी खाकी वर्दी वाला है। इस वजह से उसकी अरेस्टिंग नहीं की गई। उसके खिलाफ कोई विभागीय एक्शन नहीं लिया गया है। उसने हाईकोर्ट से अरेस्टिंग और चार्जशीट पर स्टे ले लिया।
पीड़िता ने कहा है कि मैं अंतिम सांस तक लड़ाई जारी रखूंगी और आरोपी को सजा दिलाकर रहूंगी। आरोपी एसीपी की वजह से मेरा करियर ही नहीं प्रभावित हुआ बल्कि मुझे मानसिक अवसाद से गुजरना पड़ रहा है। 20 मार्च को सुनवाई है। मैं अपना पक्ष मजबूती से रखूंगी, ताकि अरेस्टिंग और चार्जशीट पर स्टे को खारिज कराया जा सके।
आईआईटी की रिसर्च स्कॉलर ने कानपुर में एसीपी  कलक्टरगंज के पद पर तैनात रहे मोहसिन खान पर 12 दिसंबर 2024 को कल्याणपुर थाने में शादी का झांसा देकर यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इसके बाद तत्काल प्रभाव से एसीपी को पुलिस हेडक्वार्टर से अटैच कर दिया गया। इसके बाद 19 दिसंबर को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एसीपी को अरेस्टिंग स्टे देकर अगली सुनवाई तक चार्जशीट दाखिल करने पर रोक लगा दी थी।
24 दिसंबर को कल्याणपुर थाने में ही छात्रा ने एसीपी मोहसिन और उनके वकील के खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज कराई थी। दोनों ही केसो में मामले की जांच अंतिम दौर में है।
एसीपी ने 16 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने याचिका में गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। 
हाईकोर्ट में एसीपी के पक्ष में कहा गया कि 1 साल पहले मोहसिन ने अपनी पत्नी को तलाक का नोटिस भिजवाया था। मामला अभी कोर्ट में है। इसके साथ ही कोर्ट मैरिज से जुड़ा एक डॉक्यूमेंट भी पेश किया।
इसमें छात्रा की वेस्ट बंगाल निवासी साइंटिस्ट के साथ शादी होने का दावा किया गया। इसमें मैरिज से जुड़े फॉर्म में छात्रा के हस्ताक्षर भी हैं। हालांकि, मैरिज रजिस्ट्रेशन का कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इन्हीं सब तथ्यों को देखते हुए हाईकोर्ट ने एसीपी  मोहसिन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। साथ ही एसीपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर  रद्द नहीं करने का आदेश दिया था।
आरोपी मोहसिन की याचिका पर हाईकोर्ट ने अरेस्टिंग स्टे और चार्जशीट पर स्टे लगा रखा है। अब इस केस की सुनवाई 20 मार्च को होनी है। छात्रा ने स्टे खारिज कराने के लिए कोर्ट में अपना वकील खड़ा किया है।
आईआईटी प्रशासन की ओर से छात्रा को हाईकोर्ट का बड़ा वकील दिया गया है ताकि छात्रा को इंसाफ मिल सके। अब इस केस की अगली सुनवाई ही केस की दिशा को तय करेगी।