कानपुर। शहर में मॉं दुर्गा की विदायी कहीं शनिवार तो कहीं रविवार को की गयी जहां महिलाओं ने सिन्दूर खेला के साथ मॉं दुर्गा की विदायी विधिवत तरीके से दी गई।. इसके साथ ही नवरात्रि की षष्ठी तिथि से चले आ रहे दुर्गा पूजा उत्सव का समापन भी हो गया। दुर्गा पूजा पांडालों में बंगाली समुदाय में सुबह के समय नवमी का पूजन किया और फिर दोपहर में दशमी का पूजन करने के साथ ही अन्य अनुष्ठान किए गए। इस दौरान बंगाली रीति रिवाजों के अनुसार मां की स्तुति की गई। इसके बाद महिलाओं के बीच सिंदूर खेला की रस्म को निभाया गया। बताते चलें कि सिंदूर खेला बंगाली समाज की विवाहित महिलाओं के लिए माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह रस्म विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य लाता है और उनके पतियों की उम्र भी बढ़ता है। दुर्गा पूजा पांडालों में इस रस्म को निभाते समय महिलाओं में काफी उत्साह देखा गया। इस दौरान ढोल की थाप के बीच उलूक ध्वनि भी निकाली गई। महिलाओं ने कहा कि आज के दिन सिंदूर खेला हर विवाहित महिलाओं के लिए खास है। मां के आशीर्वाद स्वरूप हम इसे ग्रहण करते हैं, जो हमें अखंड सौभाग्य के रूप में आशार्वाद मिलता है। इसके बाद पांडालों से मां दुर्गा की प्रतिमाओं को आतिशबाजी के बीच विदा किया गया।