
संवाददाता
कानपुर। रविवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2023 शहर के 139 केंद्रों पर आयोजित हुई। सुबह 09:30 से 12:30 बजे एक पाली में परीक्षा हुई। परीक्षा को बेहतर ढंग से संपन्न कराने के लिए 139 सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए ।
प्रत्येक केंद्र पर एक केंद्र व्यवस्थापक और दो सह-व्यवस्थापक भी नियुक्त रहे। प्रदेश में सर्वाधिक परीक्षा केंद्र कानपुर नगर में बनाए गए। सुरक्षा के लिए सभी केंद्रों पर पुलिस और एलआईयू की तैनाती की गई। सभी केंद्र सीसीटीवी से लैस थे, इसके साथ ही एसटीएफ भी अलर्ट रहा।
परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रश्न पत्र के बंडल को कोषागार के डबल लॉक से रविवार सुबह निकाला गया। सभी परीक्षार्थियों को निर्धारित समय से 90 मिनट पहले प्रवेश मिला। 45 मिनट पहले परीक्षा केंद्र को अभ्यर्थियों के लिए बंद कर दिया गया।
पुलिस के छह जवान प्रत्येक सेंटर पर तैनात किए गए। इसके साथ ही एलआईयू के अफसर भी प्रत्येक सेंटर के आसपास सिविल ड्रेस में तैनात किए गए। एसआईयू ने गोपनीय रूप से सेंटरों पर अपनी निगाह बनाए रखी। पुलिस और एसटीएफ जवान एग्जाम सेंटरों पर अपनी निगरानी बनाए रहे।
अभ्यर्थियों को केंद्रों तक पहुंचने में सहायता के लिए नागरिक सुरक्षा संगठन की 24 टीमें 12 प्रमुख स्थलों पर तैनात की गई । एडीएम सिटी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इन टीमों में कुल 137 स्वयंसेवक मौजूद रहे, जिन्होंने विशेष रूप से बाहरी जनपदों से आने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में मार्गदर्शन करा।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर आशुतोष कुमार ने बताया कि सभी केंद्रों को चार सुपर जोन और 12 जोन में बांटा गया था। सुपर जोन की निगरानी डीसीपी स्तर के अफसर और जोन की निगरानी एडीसीपी स्तर के अफसरों को दी गई थी। 35 थाना क्षेत्रों में यह परीक्षा केंद्र थे। पुलिस, एलआईयू और एसटीएफ के साथ ही साइबर सेल और सर्विलांस टीम भी मुस्तैद की गई ।
एडिशनल सीपी ने बताया कि इतनी बड़ी परीक्षा को देखते हुए कानपुर के 21 चौराहों पर विशेष रूप से ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई । इन चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के साथ ही क्यूआरटी भी तैनात रही।
इसके साथ ही कानपुर सेंट्रल स्टेशन और बस अड्डे पर भी व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया ।
परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए प्रयागराज समेत अन्य परीक्षा केंद्रों के लिए अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की गई।