July 1, 2025

संवाददाता

कानपुर।  चिड़ियाघर से भोपाल और बरेली भेजे गए सभी सैंपलो की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है । इससे जू प्रशासन ने राहत की सांस ली है । बर्ड फ्लू की जांच के लिए भेजे गए सभी 34 सैंपल की जांच नेगेटिव आई है ,इनमें वन्यजीवों के साथ ही चिड़ियाघर की मिट्टी और झील, तालाब के पानी की भी जांच कराई गई थी।
गोरखपुर से इलाज के लिए चिड़ियाघर लाए गए शेर पटौदी और मोर की बर्ड फ्लू से मौत हो गई थी। एक बतख ने भी दम तोड़ दिया था। 21 मई को पांच सदस्यीय टीम जांच के लिए चिड़ियाघर आई थी। 

इसमें डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी दिल्ली के ज्वाइंट डॉयरेक्टर डॉ. विजय कुमार तेवतिया, राष्ट्रीय उच्च पशु रोग संस्थान भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार, आईवीआरआई बरेली के वाइल्ड लाइफ प्रमुख डॉ. एम पावड़े और वैज्ञानिक डॉ. एम करिकलन, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.करण जैन शामिल थे। टीम ने वन्यजीवों साथ ही झील, तालाब, वन्यवीजों के पानी पीने के लिए बनाए गए हौज व पानी के एकत्र होने के अन्य स्थानों से नमूने लिए थे। इन्हें जांच के लिए बरेली और भोपाल लैब भेजा गया था।
सोमवार और मंगलवार को कानपुर चिड़ियाघर में मादा शेरनी उमा ने खाना नहीं खाया था। इसके बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने चिंता व्यक्त की थी और उसके सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। हालांकि अभी शेरनी उमा की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। उसके खानपान में भी सुधार नहीं हुआ है। पूरे प्रोटोकॉल के साथ मादा शेरनी उमा की देखभाल पशु चिकित्सकों की टीम कर रही है।
डायरेक्टर श्रद्धा यादव ने अभी फिलहाल 10 जून तक दर्शकों के लिए कानपुर जू को बंद रखने के आदेश दिए हैं। लोगों की सुरक्षा और वन्यजीवों की देखरेख के लिए यह फैसला लिया गया है।
जू को खोलने को लेकर श्रद्धा यादव ने बताया की जो भी बर्ड फ्लू से जुड़े हुए प्रोटोकॉल हैं, उसे पूरा कराया जाएगा। अभी जो सैंपल वन्य जीवों के भेजे गए हैं ,उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। बर्ड फ्लू के प्रोटोकॉल में वन्यजीवों के सैंपल भेजे जाते हैं,15 दिन के अंतराल में दो बार नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही वन्यजीवों की स्थितियों को देखते हुए जू खोले जाने का निर्णय लिया जाएगा।