July 1, 2025

संवाददाता

कानपुर। राष्ट्र सर्वोपरि की भावना को जगाने के मकसद से आईआईटी कानपुर में राष्ट्र प्रथम  कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  इस प्रोग्राम में स्टूडेंट्स के अलावा फैकल्टी मेंबर्स और सेना के विशिष्ट अतिथियों ने हिस्सा लिया।इस मौके पर सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और साथ ही राष्ट्रीय सेवा की भावना को सुदृढ़ किया गया।

इस कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर शब्बारुल हसन, आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल, डिप्टी डायरेक्टर प्रो. ब्रज भूषण, डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रो. जितेन्द्र बेरा, रजिस्ट्रार विश्व रंजन, प्रो. तजदारुल हसन सैयद और डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रो. प्रतीक सेन शामिल थे।

इसके साथ प्रो. प्रतीक सेन ने कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों को सम्मानित किया। इस प्रोग्राम के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने वहां मौजूद लोगों का धन्यवाद करते हुए एकता और राष्ट्रीय गर्व के महत्व पर बात की।

आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने देश के विकास में संस्थान की अहम भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एक संस्थान के रूप में, राष्ट्र के विकास को आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है। तकनीक का सही ढंग से इस्तेमाल होने पर यह देश के लिए परिवर्तनकारी साबित हो सकती है।

इसके साथ ही, उन्होंने कुछ प्रमुख डीप टेक के बारे में बताया, जिससे आईआईटी कानपुर राष्ट्रीय विकास के लिए ट्रांसलेशनल अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दे रहा है. इनमें सस्टेनेबल शहरों के लिए एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शामिल है, जो बिजली और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में टिकाऊ शहरी समाधान प्रदान करने पर केंद्रित है। इसके अलावा, गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का निर्माण शामिल है, जिसका मकसद स्वास्थ्य क्षेत्र में स्वदेशी नवाचार को प्रोत्साहित करना है।

प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने यह भी बताया कि आईआईटी कानपुर साइबर सुरक्षा, ड्रोन और मानव रहित हवाई प्रणालियों जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सशस्त्र बलों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है।

वहीं आईआईटी कानपुर के डिप्टी डायरेक्टर प्रो. ब्रज भूषण ने अपने संबोधन में कहा कि आईआईटी कानपुर न केवल शैक्षणिक कार्यों में अग्रणी है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान में मौजूद सभी लोगों के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है। हम केवल एकेडमिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों में सक्रिय भागीदारी को भी प्रोत्साहित करते हैं। इसके साथ ही, प्रो. ब्रज भूषण ने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया, जो तकनीकी और रणनीतिक सहयोग का प्रतीक है। उन्होंने देश की रक्षा प्रणाली में सैनिकों तथा संस्थान के योगदान को भी सराहा।

प्रोग्राम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए स्टेशन कमांडर आर्मी और कानपुर छावनी बोर्ड ब्रिगेडियर शब्बारुल हसन ने सेना और आईआईटी कानपुर के बीच की साझेदारी की सराहना की। उन्होंने भारत के सैन्य इतिहास के बारे में बताते हुए ऑपरेशन कैक्टस, भारत-पाक युद्ध और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया। इसके साथ ही, उन्होंने कानपुर में बने डिफेंस कॉरिडोर की रणनीतिक महत्ता की ओर भी ध्यान दिलाया, जो राष्ट्र निर्माण में सेना की भूमिका को दर्शाता है।

इस मौके पर देश के नागरिकों को राष्ट्र प्रथम की भावना बनाए रखने में सामूहिक जिम्मेदारी के बारे में बताते हुए उन्हें सतर्क रहने, आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करने, गलत तथ्यों को न साझा करने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना देने की अपील भी की गई।

कार्यक्रम के बाद देशभक्ति से सराबोर करने वाले गीत और कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें तीन आयु वर्गों में प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए गए।इस प्रतियोगिता में भरत सोमैया,  विवेक मिश्रा एसडीएम, नरवाल और प्रो. भरत लोहानी ने जज की भूमिका निभाई।

9 से 12 वर्ष आयु वर्ग में प्रज्ञान वर्मा, वैष्णवी बोरा एवं शैली ओमर विजेता रहे। 13 से 18 वर्ष आयु वर्ग में छवि अग्रवाल, विरल यादव और सृष्टि सोनी को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा, 19 वर्ष औरउससे ऊपर के आयु वर्ग में दीपक कुशवाहा, रुचि सिंह और प्रेमेन्द्र पी. सिंह विजेता घोषित किए गए।