
संवाददाता
कानपुर। मानसून की बारिश शुरू होते ही बाढ़ से निपटने की तैयारियां जोरों पर शुरू हो गई हैं। अभी गंगा नदी का जलस्तर सामान्य है, लेकिन बाढ़ आने की स्थिति में क्या-क्या सावधानी बरतनी होगी, इसको लेकर गुरुवार को जिला प्रशासन ने तीन जगहों पर मॉक ड्रिल की।
इस दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अभ्यास किया गया, जिसमें डूबते व्यक्ति को बचाने, बाढ़ प्रभावित गांवों को खाली कराने और राहत कार्यों की तैयारियों का प्रदर्शन किया गया।
मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन ने बाढ़ जैसी स्थिति में त्वरित कार्रवाई और समन्वय की प्रक्रिया को परखा। इसमें यह सुनिश्चित किया गया कि आपदा की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचाया जाए और राहत सामग्री का वितरण कैसे हो।
एडीएम फाइनेंस विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि मानसून के दौरान बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को जागरूक करने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए टीमें तैयार की जा रही हैं। साथ ही, नाव, रस्सियां, लाइफ जैकेट्स और अन्य उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखना और कमियों को दूर करना है। उन्होंने कहा- हमारा लक्ष्य है कि बाढ़ की स्थिति में जनहानि और संपत्ति के नुकसान को न्यूनतम किया जाए। इसके लिए सभी विभागों के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे बाढ़ से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए जिला आपदा प्रबंधन केंद्र से संपर्क करें।