November 21, 2024

कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में शायद कोई भी शख्स् प्रदेश के पूर्व क्रिकेटरों की योग्यता का मोल तोलने वाला ही नही है तभी खिलाडियों से लेकर प्रशिक्षक तक बाहर के प्रदेशों से आयातित किए जा रहे हैं जिससे बाहरी  लोगों का वर्चस्व  दिन प्रति दिन बढता ही जा रहा है। प्रदेश में बीते दो दशक से कई खिलाडियों ने अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर अपनी गहरी छाप छोडी है लेकिन उनको क्रिकेट संघ में कोई भी महत्वकपूर्ण पद या स्थान नही मिलना उनकी काबिलियत पर शक के सवाल उठाता  है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ का प्रदेश के बाहरी क्रिकेटरों और प्रशिक्षकों से मोहभंग होता नही दिखायी दे रहा है। सूबे से सटे और दूर –दराज के प्रदेश के लोगों से अपना रिश्तां कायम रखने में सफलता जारी रखी हुयी है। अब तो रणजी ट्राफी की टीम के कोच समेत कई अन्य् सपोर्टिंग स्टाफ में भी प्रदेश के बाहर के लोगों को देखा जा सकता है। यही नही संघ का बाहर प्रदेश के लोगों से अगाध प्रेम यहां के प्रतिभाशाली लोगों के लिए एक अभिशाप सा बनता जा रहा है। यहां के प्रतिभाशाली लोगों की अनदेखी उनको उस कार्य को करने से रोकने का काम कर रही है जिनके लिए वह विशेषज्ञ के रूप में पहचान स्थांपित कर चुके हैं। यह कहना गलत नही होगा कि प्रदेश क्रिकेट संघ के प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारियों को यहां के विशेषज्ञ लोगों की प्रतिभा पर भरोसा ही नही रह गया है। फिर वो चाहे पूर्व क्रिकेटरों को रणजी ट्राफी में मुख्य कोच पर नियुक्ति देने की बात हो या फिर अण्डर-23 में मुख्य कोच के साथ ही सपोर्टिंग स्टाफ की। दिनों दिन उनकी नियुक्तियां की जा रही है और प्रतिभा से भरे प्रदेश के पूर्व क्रिकेटर जिनमें कुछ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के भी खिलाडी है लेकिन वह क्रिकेट संघ के नक्शे से पूरी तरह से गायब हैं। हाल ही में दिल्ली के बाशिन्दे और पूर्व गेंदबाजी कोच विक्रमजीत मलिक को अण्डर-23 का मुख्य प्रशिक्षक नियुक्त  करना संघ के एक पूर्व क्रिकेटर की राह में बैरीकेड है जो अपना सब कुछ प्रदेश के नाम कर सकते हैं लेकिन संघ उन्हे किसी प्रकार का मौका ही नही देना चाहता। बतातें चलें कि प्रदेश में एक से बढकर एक पूर्व क्रिकेटर हैं जिन्हे 70 से लेकर 120 मैचों का कडा अनुभव प्राप्त है लेकिन बाहरी प्रेम उनको बैरीकेड करने में सहायक हो जाता है। गौरतलब है कि प्रदेश की टीम के लिए सुनील जोशी जिनका अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर बहुत अच्छा कभी भी नही रहा उन्हे् टीम का मुख्य कोच दोबारा बना दिया गया जबकि उनसे अच्छे क्रिकेटर प्रदेश को अपनी सेवाएं दे चुके हैं और प्रदेश की टीम को चैम्पियन तक बना चुके हैं जिनमें मुख्य मो.कैफ,ज्ञानेन्द्र पान्डेय,आशीष विन्सटन जैदी,आरपी सिंह,प्रवीण कुमार, अरविन्द सोलंकी जैसे नाम हैं। बाहरी प्रदेश के सदस्यों का अतिक्रमण संघ की टीमों से जुडे कई अहम पदों जोरों पर जारी है। इस प्रक्रिया से यूपीसीए से जुडे पूर्व क्रिकेटर खासे नाराज हैं और समय आने का बेसब्री से इन्तजार कर रहें हैं। यूपीसीए के एक पदाधिकारी के अनुसार इस तरह की प्रक्रिया से पूर्व क्रिकेटरों का नाराज होना लाजिमी है वार्षि‍क आम सभा में आलाकमान से मुददे पर बात कर समस्या के निस्तारण की योजना पर अमल लाने का काम किया जाएगा।