
आज़ाद संवाददाता
कानपुर। नगर विकास विभाग की ओर से नगर निगम के नामांतरण शुल्क में समानता लाने के लिए किया गया संशोधन अभी लागू नहीं होगा। नगर निगम इसके लिए पहले सदन बुलाएगा। इसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास होने के बाद शहरवासियों से सुझाव व आपत्तियां भी मांगी जाएगी। 30 दिनों के बाद इसको शासन की अनुमति के लिये भेजा जाएगा। नगर निगम ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
नगर विकास विभाग ने नगर निगम और नगर पालिका परिषद-नगर पंचायत मानक उपविधि -2025 लागू कर दिया हैं। इसमें संपत्ति के क्षेत्रफल और मूल्य के आधार पर स्लैब वार शुल्क निर्धारित किए गए हैं। कानपुर नगर निगम में अभी वसीयत के आधार पर नामांतरण वाली संपत्तियों के लिए 5 हजार रुपए शुल्क देना होता है, जबकि अब वर्ग गज के हिसाब से लिया जाएगा।
इसके अलावा खरीदी गई संपत्ति के नामांतरण में अभी कुल कीमत का सर्किल रेट के आधार पर एक प्रतिशत लिया जाता है। अगर फ्लैट की कीमत 50 लाख रुपए है तो सर्किल रेट के हिसाब से एक प्रतिशत यानि 50 हजार रुपए लिए जाते हैं, लेकिन अब सिर्फ 10 हजार रुपए ही देने पड़ेंगे। संपत्ति के नामांतरण के लिए असमान व्यवस्था लागू थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस असमानता को दूर करके एकरूपता लाने के निर्देश दिए थे।
जिसके बाद नगर विकास विभाग द्वारा नई उपविधि तैयार करी गई। शुक्रवार को विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इसे लागू करने के संबंध में सभी निकायों को आदेश जारी किए थे। प्रदेश के विभिन्न नगर निगमों एवं नगर पालिका परिषदों-नगर पंचायतों में किसी संपत्ति के हस्तांतरण-नामांतरण की प्रक्रिया एवं शुल्क आदि की व्यवस्था में भिन्नता से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता था, इसलिए शुल्क में एकरूपता की गई है।
कानूनी उत्तराधिकारी या पंजीकृत वसीयत के अनुसार 1 हजार वर्ग गज तक अब 1 हजार रुपए देने होंगे। इसी तरह 1 से 2 हजार वर्ग गज में 2 हजार, 2 से 3 हजार वर्गगज में 3 हजार, व 3 हजार वर्गगज से अधिक में 5 हजार रुपए नामांतरण के देने होंगे। इसी तरह खरीदी गई संपत्ति का मूल्य यदि 5 लाख तक है तो उसमें 1 हजार रुपए देना होगा।
इसी तरह 5 से 10 लाख में 2 हजार, 10 से 15 लाख में 3 हजार, 15 से 50 लाख तक 5 हजार व 50 लाख से अधिक पर 10 हजार रुपए देने का नया नियम बनाया गया है। हालांकि इसको लागू करने से पहले जनता से आपत्तियां ली जायेगी।