आ स. संवाददाता
कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में तकनीक के उपयोग पर बल दिया। उन्होने कहा कि तकनीक के साथ भारतीय उच्च शिक्षा के संस्थान दुनिया की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। प्रो. पाठक मंगलवार को भारतीय विश्वविद्यालय संघ के देहरादून में आयोजित उत्तर क्षेत्र के कुलपतियों के सम्मेलन में बतौर अध्यक्ष बोल रहे थे। दो दिन के इस कार्यक्रम में देश के सौ से अधिक कुलपति हिस्सा ले रहे हैं।
इस सम्मेलन का उद्घाटन उत्तराखड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने किया। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एआईयू के विकास पथ को रेखाकिंत किया।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ के दो दिवसीय चलने वाले इस सम्मेलन के पहले दिन प्रो. पाठक ने तेजी से विकसित हो रही वैश्विक अर्थव्यवस्था की मांगों को पूरा करने के लिए भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य को नया रूप देने में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षा में बदलाव के महत्वपूर्ण पहल के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी जैसी प्रमुख तकनीकों की भूमिका के बारे में बताया।
प्रो. पाठक ने कहा कि विश्वविद्यालयों को पारंपरिक शिक्षण संस्थानों से विकसित होकर शोध-उन्मुख केंद्रों में बदलना चाहिए जो नवाचार को बढ़ावा दें और शोध निष्कर्षों से व्यावहारिक अनुप्रयोग विकसित करें। उन्होंने शिक्षण संस्थानों द्वारा अनुसंधान को बढ़ावा देने और इसे ग्लोबल परिदृश्य के लिए तैयार नवाचारों में बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होने कहा कि भारत की आर्थिक और तकनीकी उन्नति में शैक्षणिक नवाचार महत्वपूर्ण कदम साबिल होगी।
प्रो. पाठक ने उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को उनकी उपस्थिति और समर्थन के लिए गहरा आभार व्यक्त किया।
प्रो.पाठक ने एआईयू की एक शताब्दी लंबी यात्रा पर विचार व्यक्त करते हुए भारत में उच्च शिक्षा के परिवर्तनकारी भविष्य पर चर्चा की। उन्होंने इस कार्यक्रम की मेजबानी के लिए प्रो. कमल घनशाला और ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया। उन्होने कहा कि आयोजनकर्ताओ ने उच्च शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य पर अच्छा सहयोग किया और अग्रगामी विचार-विमर्श के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान किया।