July 1, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
सरसौल ब्लाक के निवादा बौसर में तीन साल में एक लाख रुपये का फर्जी तरीके से मनरेगा मजदूरी का भुगतान करने के मामले में दो सचिव और एक तकनीकी  सहायक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
जांच में मिले दोषी सचिवो, प्रधान और तकनीकी सहायक से धनराशि की वसूली होगी। एपीओ की सेवा समाप्ति का नोटिस उपायुक्त मनरेगा ने जारी किया है।
सरसौल ब्लाक के निवादा बौसर के रहने वाले भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने ग्राम प्रधान समरजीत सिंह के खिलाफ मनरेगा में गलत तरीके से भुगतान कराने की शिकायत सीडीओ दीक्षा जैन से की थी।
जिसमें मनरेगा मजदूरों की आईडी से ग्रामीणों के खाते में वर्ष 2019 से 2022 तक गलत तरीके से भुगतान करने की बात कही थी।
सीडीओ ने जब परियोजना निदेशक पीएन दीक्षित से जांच कराई तो पता चला कि पंचायत सचिव हरिकृष्ण पाल ने वर्ष 2019 से 2021 तक और पंचायत सचिव सुरेंद्र गौतम ने तकनीकी  सहायक प्रमेश यादव की मदद से वर्ष 2021 से 2022 तक करीब 99912 रुपये का मजदूरों के खाते में न भेजकर ग्रामीणों के खातों में भुगतान किया है।
जब जाँच रिपोर्ट डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के सामने प्रस्तुत की गई तो उन्होंने सचिव और तकनीकी  सहायक पर रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश बीडीओ सरसौल निशांत राय को दिए थे। बीडीओ ने दोनों  सचिवो और तकनीकी  सहायक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है। अगली कार्रवाई एपीओ सर्वेश कुमार पर की जाएगी।
जांच में पंचायती राज विभाग के दोनो सचिव दोषी पाए गए थे। जिन पर जिलाधिकारी ने सचिवों पर विभागीय कार्रवाई करने के साथ-साथ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे।
एक सप्ताह बीत गया था लेकिन डीपीआरओ मनोज कुमार ने दोनों सचिवों पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की थी । लेकिन अब दोनों सचिवों पर फर्जीवाड़ा करने पर मुकदमा दर्ज हो गया है।
मामले में बीडीओ निशांत राय ने बताया कि दोनो सचिवो  और एक तकनीकी सहायक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो गई है। अब विभागीय कार्रवाई डीपीआरओ स्तर पर होनी है। एपीओ को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। 

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