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आ स. संवाददाता
कानपुर। प्रदेश को एक और पावर प्लांट की सौगात मिल गई है। कानपुर के पनकी में 660 मेगावाट सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट ने बिजली का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। 660 मेगावाट में से करीब 396 मेगावाट बिजली यूपी को मिलेगी। इससे सूबे में बिजली संकट को दूर करने में बड़ी मदद मिलेगी। जबकि 40 फीसदी बिजली केंद्र को जाएगी।
5816 करोड़ रुपए की लागत वाले इस पावर प्लांट का शिलान्यास वर्ष-2019 में प्रधानमंत्री ने किया था। जल्द ही इसका विधिवत शुभारंभ किया जाएगा।
पनकी पावर प्लांट में पुरानी यूनिटों को ढहाकर नई यूनिट बनाने की स्वीकृति 2018 में मिली थी। पूरा काम 46 महीने में पूरा होना था, लेकिन कोविड में लॉकडाउन के कारण परियोजना एक साल लेट हो गई। करीब 80 हेक्टेयर में फैले इस प्लांट में सीधे तौर पर 600 और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 3 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
पनकी पावर हाउस की नई 660 मेगावाट यूनिट अब पूरी क्षमता के साथ चालू कर दी गई है। 72 घंटे का फाइनल ट्रायल करके शुक्रवार देर शाम उत्पादन शुरू हुआ। जल्द ही इसका विधिवत शुभारंभ होगा। पूरी क्षमता के साथ बिजली का उत्पादन करके ग्रिड को भेजा जा रहा है।
वर्तमान समय में कानपुर की जरूरत के मुताबिक बिजली का उत्पादन पनकी पावर हाउस से शुरू हो गया है। तब से बीएचईएल और उत्पादन निगम के कर्मचारी लगातार नई यूनिट का निर्माण कर रहे हैं।
करीब तीन महीने पहले नवंबर 2024 में 135 मेगावाट की नई यूनिट का ट्रायल किया गया था। अब उसे पूरी क्षमता से चालू कर दिया गया है। वर्तमान समय में उत्पादित हो रही बिजली को सीधे ग्रिड में भेजा जा रहा है। नई यूनिट को कोयला कोल इंडिया धनबाद से मिलेगा।
थर्मल पावर प्लांट की 275 मीटर ऊंची चिमनी बनाई गई है। इसमें से धुआं निकलने लगा है। बता दें कि यह शहर की सबसे ऊंची चिमनी है। इस चिमनी का व्यास नीचे 32 मीटर है, जो ऊपर जाते-जाते कम हो जाता है। सबसे ऊपर इसका व्यास 16 मीटर है।
प्लांट से निकलने वाला धुआं पर्यावरण के लिए कम खतरनाक हो, इसके लिए दो अतिरिक्त संयंत्र बॉयलर में लगाए गए हैं। इसमें फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन लगाया गया है, जो धुएं में सल्फर डाई ऑक्साइड गैस को कम करेगा। साथ ही सिलेक्टिव कैटालिटिक रिडक्शन लगा है, जो धुएं से जहरीली नाइट्रोजन ऑक्साइड गैस को कम करता है।