कानपुर। हजार करोड वाली नजूल की जमीन कब्जाकांड में पुलिस को महत्वंपूर्ण सफलता मिली है जिसमें दो आरोपियों के बयान दर्ज किए गए हैं। जमीन कब्जा करने को बनाई गई आनंदेश्वर एसोसिएट में प्रमुख रूप से हिस्सेदार शरद शुक्ला और अमित कुमार सिंह उर्फ मीतू का बयान दर्ज किया गया। पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों से अलग-अलग बयान दर्ज करने के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। जल्द ही आगे की कार्रवाई भी की जाएगी। सिविल लाइंस स्थित 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कब्जाकांड में पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित समेत अन्य आरोपियों को जेल भेजा गया है। पुलिस की जांच में सामने आया था कि जमीन कब्जाने के लिए आनंदेश्वर एसोसिएट का गठन किया गया था। इस एसोसिएट में शामिल काकादेव निवासी पूर्व विधायक दिवंगत अजीत सिंह के बेटे अमित कुमार सिंह उर्फ मीतू और लॉयर्स एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री शरद शुक्ला की अहम भूमिका सामने आई थी। पुलिस ने इन दोनों के साथ ही एसोसिएट में शामिल अन्य पदाधिकारियों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया था। इसके बाद भी कोई बयान दर्ज कराने नहीं पहुंच रहा था।पुलिस की सख्ती के बाद गुरुवार को राजा भइया की पार्टी के पदाधिकारी व पूर्व विधायक के बेटे अमित कुमार सिंह उर्फ मीतू और शरद शुक्ला दोनों ने मामले की जांच कर रहे कोतवाली इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला को अपने बयान दर्ज कराए हैं। मीतू ने कब्जाकांड के दौरान वहां पर मौजूदगी को लेकर पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि मैं वहां से गुजर रहा था तो भीड़भाड़ व पुलिस फोर्स देखकर रुक गया। लेकिन पुलिस ने जब क्रॉस प्रश्न किये तो जवाब नहीं दे सके। इसी तरह बयान में शरद शुक्ला ने बताया कि अवनीश के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी की ड्राफ्टिंग शरद शुक्ला ने ही कराई थी। पुलिस ने करीब तीन घंटे तक दोनों से पूछताछ कर कई अहम जानकारियां जुटाई हैं। दोनों को फिर से पूछताछ के लिए पुलिस बुला सकती है। मेरी एंड मैरी जमीन कब्जा करने से पहले अवनीश दीक्षित ने इसकी पावर ऑफ अटॉनी अपने नाम कराई थी। इसके बाद कब्जा करने का प्रयास किया था। अवनीश की पावर ऑफ अटार्नी में गवाह बने लेबर कॉलोनी निवासी आशीष मिश्रा और पटेल नगर निवासी मनोज कुमार शर्मा को भी गवाह बनाया है। इन दोनों गवाहों को भी गुरुवार को समन जारी करके बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है। पुलिस गवाहों को भी आरोपी बना सकती है।