
संवाददाता
कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के स्कूल आफ हेल्थ साइंसेस में दो साप्ताह तक चलने वाली फिजियोथेरेपी कार्यशाला का शुभारंभ हुआ । यह कार्यशाला फिजियोथेरेपी के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित किया गया है। इस वर्कशॉप से प्रतिभागियों के ज्ञान और कौशल को बढ़ावा मिलेगा। उन्हें फिजियोथेरेपी की दुनिया में मूल्यवान दृष्टिकोण भी प्रदान किया जाएगा।
इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता डा. योगश मन्धयान विभागाध्यक्ष फिजियोथिरैपी, अपोलोमेडिक्स हास्पिटल लखनऊ ने ‘‘मुलीगन टेक्नीक’’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि न्यूजीलैण्ड में विकसित इस तकनीक में बिना दर्द के जोड़ों के जाम को खोला जाता है एवं विभिन्न तरह के दर्द से निजात पाने के लिये इस पद्धति का उपयोग किया जाता है।

संस्थान के निदेशक डा. मुनीश रस्तोगी ने कहा कि मुलिगन टेक्नीक का उपयोग सीखकर विद्यार्थी जरूरतमंदों को अत्याधुनिक उपचार सुविधायें प्रदान करने में सक्षम होंगे तथा इस पद्धति का प्रयोग कर विद्यार्थी अपनी कौशल क्षमता को बढ़ावा दे सकते हैं।
विश्वविद्यालय के एसोसीएट डीन प्रशासन डा. दिग्विजय शर्मा ने छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के आयोजन हेतु प्रेरित किया उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं।
संस्थान की सहायक निदेशिका डा. हिना वैश्य ने कहा कि हम भविष्य में भी ऐसे वर्कशॉप्स और कोर्सेस का आयोजन करने की उम्मीद करते हैं जिनके माध्यम से फिजियोथेरेपी और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया जा सके।
कार्यशाला के समन्वयक डा. नेहा शुक्ला (पी.टी.) एवं डा. आदर्श कुमार श्रीवास्तव ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और वर्कशॉप में आने वाले छात्रों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने वर्कशॉप को छात्रों के पेशेवर विकास में महत्वपूर्ण योगदान करने की आशा जताई जिससे उन्हें बेहतर फिजियोथेरेपिस्ट बनने में मदद मिलेगी।
इस कार्यक्रम में संस्थान के शिक्षक डॉ. चन्द्रशेखर कुमार (पीटी), डॉ. उमेश कुमार मौर्या (पीटी), अमिल अग्रवाल, विनय कुमार शाह और खुशबू अंजुम आदि लोग उपस्थित रहे।





