
संवाददाता
कानपुर। कानपुर पुलिस के ऑपरेशन महाकाल को आज शहर की पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। शहर पर कई दशकों से चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे की गिरफ्तारी इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है। कभी दशकों पहले खाकी की आंख के नूर रहे शहर में दक्षिण क्षेत्र के चर्चित चेहरे की गिरफ्तारी की खबर ने शहर के वो वकील जो वकालत की आड़ में जमीनों के भूमाफिया है और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर षडयंत्र रचते हुए लोगों से वसूली करते है उनमें सिरहन दौड़ गई है कि उनका भी नम्बर आ सकता है। वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उसके बेहद करीबी लवी मिश्रा को दक्षिण पुलिस ने वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया है। छह घंटे की लंबी पूछताछ के बाद दोनों की गिरफ्तारी का ऐलान किया गया है। भाईसाब, डॉक्टर साहेब और फिर एकेडी के नाम से पहचान रखने वाले अखिलेश दुबे की गिरफ्तारी सांसद अशोक रावत के एक पत्र जिसमें उन्होंने भाजपा नेता रवि सतीजा की शिकायत पर संज्ञान लेने और न्यायोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे जिसको पुलिस कमिश्नरेट ने तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करते हुऐ बर्रा थाने में स्थान्तरित किया। जिसमें भाजपा नेता ने बलात्कार के फर्जी मामले में फंसाकर वसूली करने का आरोप लगाया। वर्ष 2022 में रवि सतीजा के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना व अन्य मामलों में कई मुकदमे दर्ज कराए गए। आरोप है कि यह सभी मुकदमे अखिलेश दुबे के इशारे पर दर्ज कराए गए थे।सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेता रवि सतीजा की शिकायत पर बर्रा थाने में दर्ज मुकदमे के सिलसिले में अखिलेश दुबे अपनी सफाई प्रस्तुत करने फाइलों के पुलिंदा के साथ दोपहर करीब डेढ़ बजे डीसीपी-दक्षिण के दफ्तर पहुंचे तो उन्हें बर्रा थाने में संपर्क करने के लिए कहा गया। बर्रा थाने पहुंचते ही पुलिस ने अखिलेश दुबे और शागिर्द लवी मिश्रा को हिरासत में लेकर वसूली के आरोपों के सिलसिले में सवाल-जवाब करना शुरू कर दिया। चर्चा है कि, अधिवक्ता अखिलेश दुबे ने तमाम कागजात दिखाकर पुलिस अधिकारियों को संतुष्ट करना चाहा, लेकिन आरोपों की काट के संदर्भ में पुख्ता साक्ष्य हासिल नहीं होने के बाद उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाकी चार अन्य आरोपियों की विवेचना संबंधी कार्यवाही जारी है।