कानपुर। हजार करोड़ की जमीन कब्जाने में जेल से पुलिस रिमाण्ड पर आए प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष के घर के अंदर की हर छोटी बड़ी चीज की सूची बनाने के बाद जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उसने लिफ्ट तोहफे के तौर पर मिलने और अन्य चीजें उधार में लाने की बात कही। जब पुलिस ने उससे दुकानों व सप्लायरों का ब्योरा मांगा तो उसने कहा याद नहीं। साथ ही कहा कि साज सज्जा में कितना पैसा खर्च हुआ यह बता पाना संभव नहीं है। कानपुर में किदवईनगर एच ब्लॉक स्थित उनके मकान की कीमत करीब दस करोड़ रुपये आंकी गई है। प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष के करोडों के बंगले में सामान पहुंचाने वाले अब पुलिस के रडार पर आ गए हैं उनकी सूची बनाकर बंगले में सामान की सप्लायी के लिए अब उनसे पूछताछ की जाएगी।यही नही पुलिस ने उनके दो करीबियों के घर पर छापेमारी कर उनकी कम समय में अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की जानकारी बटोरने की कोशिश की लेकिन आशानुरूप सफलता नही मिल सकी। पुलिस ने बताया कि उन्हें आशंका थी कि कब्जाकांड के आरोपी इनके घर पर छिपे हो सकते हैं। इसके साथ ही अवनीश ने केस से जुड़े दस्तावेजों को भी इन दोनों के घरों में छिपाए होने की आशंका है। पुलिस ने इस आशंका के चलते छापा मारा और घंटों जांच-पड़ताल की।एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने बताया कि एक हजार करोड़ के जमीन कब्जाकांड को लेकर पुलिस जांच कर रही है। अवनीश को 10 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आई हैं।इसी इनपुट के आधार पर गुरुवार शाम को न्यूज चैनल के मालिक संजीव दीक्षित के पैतृक आवास छापेमारी की गई।न्यूज चैनल के मालिक संजीव दीक्षित का कानपुर में बड़ा केबिल नेटवर्क का काम है। इसके साथ ही मॉल रोड पर होटल, मैनावती मार्ग पर जेएमडी स्कूल, वेब पोर्टल समेत अन्य कारोबार है।अशोक नगर में रहने वाला सुनील शुक्ला उर्फ जीतू अवनीश का पार्टनर है। जीतू की फर्म बालाजी मल्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड है। इस फर्म में जीतू उर्फ सुनील शुक्ला के अलावा अवनीश दीक्षित की पत्नी प्रतिमा दीक्षित समेत तीन निदेशक हैं।अवनीश ने अपने रसूख से इस कंपनी को कानपुर में नाला सफाई का ठेका दिलाया और बगैर सफाई के भुगतान करा लिया था। फर्म से जुड़ी शिकायतों की जांच एक आईपीएस स्तर के अफसर कर रहे हैं।वहीं सुनील शुक्ला की ही एक और फर्म बालाजी मल्टी सर्विसेज भी है। इस फर्म ने केस्को को मैन पॉवर सप्लाई किया था। बाद में इस फर्म ने केस्को संविदा कर्मियों का करोड़ों रुपए का पीएफ गबन कर लिया था। पीएफ घोटाले का केस कर्नलगंज थाने में दर्ज है।अवनीश ने अपने रसूख से इस केस में जीतू को क्लीनचिट दिलाई थी, लेकिन पुलिस ने अवनीश की अरेस्टिंग के बाद दोबारा फाइल खोली और इसमें जीतू पर चार्च फ्रेम किया है। जीतू मौजूदा समय में इसी केस में फरार चल रहा है। पीएफ घोटाले का मास्टर माइंड जीतू शुक्ला के अशोक नगर स्थित घर पर बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री आए थे। इसके बाद से जीतू का नाम कानपुर में सबसे ज्यादा चर्चा में आया था।अवनीश और जीतू ने मिलकर धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आयोजन कराकर भी मोटी कमाई का प्लान बनाया था, लेकिन प्रयागराज में अतीक और अशराफ के मर्डर के चलते कथा के आयोजन को अनुमति नहीं मिली थी। इस वजह से इस प्लान पर पानी फिर गया था। नूजल संपत्ति मामले की जांच के दौरान अनजान लोगों के घर में दाखिल होने की सूचना पर पुलिस आकलनकर्ता संग अवनीश के घर पहुंची। इस दौरान हर छोटी-बड़ी चीज की सूची बनाई गई है। वहीं, सामान की सप्लाई करने वाले दुकानदारों की तलाश शुरू कर दी गई है।किसी अनजान के घर में दाखिल होने की सूचना पर गुरुवार को संपत्ति आकलनकर्ता के साथ पहुंची पुलिस ने यह अनुमान लगाया है। पुलिस को घर में करीब नौ लाख रुपये से लगी लिफ्ट के अलावा इटालियन मार्बल, विदेशी मिरर, विदेशी फर्नीचर व बाथरूम में महंगी टोटियां लगी मिलीं। इस पर पुलिस ने सामान बेचने या सप्लाई करने वालों की सूची बनाकर उनकी तलाश शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस यह पक्का करना चाहती है कि करोड़ों रुपये के घर के लिए आखिर कितना पैसा अवनीश ने चुकाया। बगैर पैसा दिए जबरन सामान तो नहीं किसी से लिया गया। अगर ऐसी कोई जानकारी सामने आई तो अवनीश की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।