December 26, 2025

संवाददाता

कानपुर। बिल्हौर में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। एक कोचिंग संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में संचालक विशाल चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों को वाजपेयी के जीवन और व्यक्तित्व से अवगत कराया। इस अवसर पर मनोज चतुर्वेदी, सारिका, रजनी सहित सौम्या, हर्ष, कृष्णा, यश, उत्कर्ष, आशुतोष, इच्छा, सौम्या, सेजल, वैष्णवी आदि विद्यार्थी उपस्थित रहे।
विद्यार्थियों को बताया गया कि वाजपेयी एक प्रसिद्ध हिंदी कवि भी थे। उनकी प्रकाशित रचनाओं में ‘कैदी कविराय की कुण्डलियां’ शामिल हैं, जो 1975-77 के आपातकाल के दौरान जेल में लिखी गई कविताओं का संग्रह है, और प्रसिद्ध रचना ‘अमर आग’ है। 

अपनी कविताओं के संबंध में उन्होंने लिखा था कि मेरी कविता युद्ध की घोषणा है, हारने के लिए एक निर्वासन नहीं है। यह हारने वाले सैनिक की निराशा की ड्रमबीट नहीं, बल्कि योद्धा की जीत होगी। यह निराशा की इच्छा नहीं, बल्कि जीत का हलचल है। 

विशाल चतुर्वेदी ने बच्चों को बताया कि वाजपेयी आजीवन अविवाहित रहे। उन्होंने अपनी लंबे समय की दोस्त राजकुमारी कौल और बी.एन. कौल की बेटी नमिता भट्टाचार्य को दत्तक पुत्री के रूप में स्वीकार किया था। राजकुमारी कौल का निधन वर्ष 2014 में हो गया था। अटल जी के साथ नमिता और उनके पति रंजन भट्टाचार्य रहते थे।