विश्ववार्ता संवाददाता
कानपुर। सीसामऊ विधायक नसीम सोलंकी के साथ अभद्र भाषा में बात करने वाले भाजपा नेता और करोडों की जमीन के मामले में भूमाफिया कहे जाने वाले शातिर के कानपुर कारागार में एक साथ पहुंचने से नगर का जेल प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। माना यह जा रहा है कि इन दोनों के पहुंचने से अब जेल में बंद चार गुटों के बीच कहीं गैंगवार न हो जाए। बताया जा रहा है कि यह गुट एक दूसरे के जान के पुराने दुश्मन भी हो सकते हैं। ऐसे में यह खतरा बढ़ गया है कि ये गुट एक दूसरे पर हमलावर ना हो जाए। विगत दिवस कचहरी परिसर में पेशी पर आए आरोपियों के बीच यही चर्चा का विषय था की कानपुर जेल में गैंगवार के मद्देनजर जेल प्रशासन और चौकन्ना हो गया है और सख्ती बढ़ा दी गई है। दरअसल, कानपुर जेल में इन दिनों चार गुटों के सदस्य बंद हैं जिनमें सीसामऊ सीट से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी कानपुर जेल में बीते दो सालों से बंद है। इसी जेल में हिंदूवादी नेता धीरज चड्ढा को भी हाल ही में कैद किया गया है। धीरज चड्ढा ने सीसामऊ से वर्तमान सपा विधायक नसीम सोलंकी को धमकी दी थी, इस मामले में पुलिस ने सपा विधायक नसीम सोलंकी की शिकायत पर धीरज चड्ढा को गिरफ्तार यही रखा है।
सपा विधायक नसील सोलंकी, कानपुर जेल में बंद रिजवान सोलंकी की भाभी हैं। आशंका जताई जा रही है कि भाभी नसीम सोलंकी के अपमान का बदला लेने के लिए हिंदूवादी नेता धीरज चड्ढा और रिजवान सोलंकी में विवाद हो सकता है। दूसरी तरफ कानपुर जेल में कमलेश फाइटर भी बंद है, जिस पर पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई की हैं. कमलेश फाइटर का पूरा गैंग भी जेल में बंद है। वहीं भूमाफिया सलीम बिरयानी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसके खिलाफ कमलेश फाइटर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दोनों के बीच लंबे समय से दुश्मनी चल रही है और अब दोनों जेल में एक साथ कैद हैं। ऐसे में दोनों को अपने गैंग के सदस्यों के साथ किसी अनहोनी की संभावना बढ़ गई है। जिससे जेल प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं। कानपुर जेल में कई अन्य खतरनाक कैदी भी बंद हैं, जो अपने वर्चस्व को लेकर आमादा हैं। इसकी वजह से कानपुर जेल प्रशासन इस आशंका के मद्देनजर चिंतित नजर आ रहा है कि इनकी गुटबाजी और रंजिशों के कारण कोई बड़ा हादसा या घटना न हो जाए, जिससे जेल में स्थिति और बिगड़ सकती है। जेल में गैंगवॉर की संभावना को देखते हुए जेल प्रशासन ने बड़े अपराधियों और माफियाओं के बीच किसी भी प्रकार की लड़ाई, झगड़ा और गैंगवार से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। इसके तहत सभी एंटी कैदियों को एक दूसरे से दूर रखा गया है और उनकी बैरकों में पहरा बढ़ा दिया गया है।