September 17, 2024
कानपुर। 10 अरब के लागत वाली एपी-फैनी वाली मिशनरी की जमीन पर सरकार का ताला लगा दिया गया है। लम्बी चली जांच के बाद आयी रिपोर्ट के बाद  प्रशासन ने इसे सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया गया है। मैरी एंड मेरीमैन स्कूल कम्पाउंड कब्जाकांड के बाद प्रशासन ने एक और एक्शन लिया है। एक हजार करोड़ की कीमत वाली एपी-फैनी कंपाउंड कब्जा कर, तहसीलदार ने कब्जा लेते हुए सूचना भी गेट के बाहर चस्पा करा दी है।10 अरब की कीमत वाली जमीन पर माफियाओं ने कब्जा किया और प्लॉटिंग कर बेच दिया गया था। सिविल लाइंस की मैरी एंड मैरी स्कूल कंपाउंड की जमीन कब्जाने के बाद प्रेस क्लब पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित पर एक्शन के बाद ठीक इसी चुन्नीगंज स्थित 10 अरब की एपी फैनी कैंपस की जमीन बेचने को लेकर डीएम ने जांच बैठाई थी। जांच में जमीनों की अवैध खरीद फरोख्त का खुलासा हुआ था।इसमें ईसाई ट्रस्ट बनाकर उनके अधिकृत हस्ताक्षर करने वालों ने जमीनों पर प्लॉटिंग कर अवैध तरीके से बेच डाला। जांच में यह भी मिशनरियों की लीज समाप्त होने के बाद यह जमीन सरकार की हो चुकी है।जांच पूरी होने के बाद लेखपाल विपिन कुमार की तहरीर पर मंगलवार देर रात कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। प्रशासन की जांच पूरी होने के बाद अब ये जमीन पूरी तरह सरकारी घोषित की जा चुकी है।पुलिस ने इसमे कानपुर के रेलवे कॉलोनी निवासी अनिल कुमार, गंगापुर यशोदा नगर निवासी अर्पित मिश्रा, एम ब्लॉक किदवई नगर निवासी दीपक कुमार, केडीए कॉलोनी गंगा विहार निवासी दुर्योधन कुमार और हाथरस निवासी मो. रेव जॉनसन टी जॉन के खिलाफ धोखाधड़ी संग कूट रचित सरकारी दस्तावेज बनाना, उनका प्रयोग करना समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।लेखपाल विपिन कुमार द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में जानकारी दी है कि नजूल मैनुअल के अनुसार लीज अवधि समाप्त होने के बाद ऐसी भूमि स्वतः राज्य सरकार में निहित हो जाएगी और ऐसी भूमि पर राज्य सरकार द्वारा पुनः प्रवेश माना जाएगा। इसे लेकर शासन का अध्यादेश पूर्व में आ चुका है।रिपोर्ट में कहा गया कि इसी नजूल अनुभाग में नजूल सम्पति रजिस्टर के अनुसार 14 / 137 ऐपी फैनी कंपाउंड चुन्नीगंज नजूल के प्लाट संख्या 34 ब्लाक संख्या 14 पर स्थित है। नजूल रजिस्टर में जमीन मिशन गर्ल्स आर्फनेज के नाम दर्ज है। जिसकी लीज अवधि समाप्त हो चुकी है।संपत्ति का प्रयोग मात्र बालिका अनाथालय के लिए ही किया जाना था। मगर ऐसा नहीं हुआ। जिसकी जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एसडीएम सदर की टीम ने की। जमीन खरीदने वालों के ट्रांजेक्शन के अलावा जमीन के दस्तावेजों को खंगालने संग पुलिस सभी के बयान दर्ज करेगी।

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