कानपुर। असलहा लाइसेंस और दलितों से जमीन खरीदने के लिए कलेक्ट्रेट में बेचे जाने वाले फॉर्म की बिक्री पर अब पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है। कलेक्ट्रेट मे मनचाहे दामों पर इनको बेचने वाले लिपिकों की अवैद्य कमायी पर रोक लगाने के उददेश्य से ये निर्णय जिलाधिकारी राकेश सिंह ने लिया है। आवेदकों को अब यह फॉर्म ऑनलाइन ही भरकर जमा करनें होंगे इसके आवेदन पर किसी प्रकार का शुल्क नही लिया जाएगा। डीएम ने नई व्यवस्था को मुरादाबाद व गाजियाबाद की तर्ज पर लागू किया है। इससे कलेक्ट्रेट में बाबुओं की मनमानी खत्म होगी। नई व्यवस्था का नोटिस असलहा व एडीएम सिटी कोर्ट के बाहर चस्पा कर दिया गया। अभी तक असलहा लाइसेंस फॉर्म हफ्ते में सिर्फ एक दिन शुक्रवार को 200 रुपए का असलहा विभाग कार्यालय से मिलता था। वहीं जमा होता था। इसी तरह से चारों तहसीलों में अलग-अलग दलित की जमीन खरीदने का फॉर्म भी मिलता था। इसके लिए बाबू मनमाने पैसे वसूलता था। असलहा लाइसेंस की नई व्यवस्था में असलहे का नवीनीकरण से लेकर नए फॉर्म भरने की व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया गया है। ऑनलाइन आवेदन कर तीन प्रतियों में हार्ड कॉपी को जमा करना होगा। ऐसे ही दलित की जमीन खरीदने का आवेदन भी सभी तहसीलों का अलग-अलग ऑनलाइन होगा।