
आ स. संवाददाता
कानपुर। उत्तर प्रदेश में भी अब जापानी मशरूम की खेती हो सकेगी। इसके लिए कानपुर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी की छात्राओं ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जिसके माध्यम से कमरे के तापमान को मेंटेन कर सकते हैं।
जापानी मशरूम को 20 से 22 डिग्री के तापमान में उगाया जाता है, जो कि अभी तक उत्तर प्रदेश में संभव नहीं था, लेकिन बीटेक प्रथम वर्ष की बायोटेक्नोलॉजी की छात्राओं ने इसे संभव कर दिया है।
बायोटेक्नोलॉजी की छात्रा आकांक्षा दुबे और आयुषी मिश्रा ने बताया कि इस खेती में मौसम का तापमान सबसे ज्यादा अहम होता है, तो इसलिए हमने सोचा कि क्यों न हम उस कमरे का तापमान उस हिसाब से रखें, जिसमें यह खेती संभव हो सके। इसके लिए हमने एक ऐसी डिवाइस बनाई जो कि कमरे के तापमान को बताएगी।
यदि ज्यादा गर्मी है तो हम उस कमरे में एसी और कूलर का प्रयोग करके वहां का तापमान खेती के अनुरूप कर लेंगे। यदि सर्दियों में इस खेती को करना चाहते हैं तो हम उस जगह पर बल्ब जलाकर गर्मी पैदा कर सकते हैं, जैसे ही कमरे का तापमान 20 से नीचे और 22 से अधिक जाएगा तो यह डिवाइस आपको तुरंत बता देगी। इस डिवाइस के माध्यम से आप अपने कमरे का तापमान हमेशा खेती के अनुरूप रख सकते है।
छात्राओं ने बताया कि मशरूम की खेती करने के लिए सबसे पहले हमने एक पॉली बैग लिया। उसमें सबसे पहले धान के छिलकों की एक लेयर बनाई, इसके बाद उसके ऊपर जापानी मशरूम के बीज डाले, फिर धान के छिलकों की लेयर बनाई और इस प्रक्रिया को कई बार किया। फिर 12 दिनों के लिए इसको एक कमरे में बिल्कुल अंधेरी जगह पर रख दिया। इसके बाद इसमें छोटे-छोटे माइसीलियम ग्रो करने लगे।
इस खेती को पूरी तरह से तैयार होने में एक महीने का समय लगता है।
इस खेती को करने के लिए हम हर मौसम में तैयार रह सकते हैं। यह मशरूम अगर हम लोग खरीदते हैं तो इसकी कीमत अभी बाजार में 900 रुपए किलो है, लेकिन यह खेती अगर अपने ही शहर में होने लगेगी तो इसकी कीमत 120 रुपए से लेकर 150 रुपए तक होगी। इस मशरूम की खास बात यह है कि यह शुगर के मरीजों के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक होती है और हाई प्रोटीन युक्त होती है।