November 6, 2024

भूपेंद्र सिंह

 कानपुर। वित्त विभाग का सबसे बड़े कॉरपोरेट मंत्रालय से अब करोड़ों का टैक्स चोरी की शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ताओ ने प्रदेश संघ पर  साल 2006-7 से लेकर अब तक लगभग 90 करोड़ से अधिक के टैक्स का चूना लगाने की बात दोहराई गई है।यही नहीं उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्यों और पदाधिकारी के साथ ही निदेशकों की ओर से की जा रही मनमानी अब और भी मुखर होने लगी है। उनकी बर्खास्तगी को लेकर अब एक बार फिर से मांग उठने लगी है ।शिकायतकर्ताओं ने बीसीसीआई के लोकायुक्त के साथ ही बोर्ड सचिव से संघ में 9 साल पूरे कर चुके लोगों को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग भी दोहराई है।कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय को मेल प्रेषित कर संघ में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत में दर्शाया गया है कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा गैर-लाभकारी संस्था के उद्देश्यों का उल्लंघन और आयकर चोरी के संबंध में तत्काल कठोर कार्यवाही की जाए ।

शिकायतकर्ताओ ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA), जो कि धारा 8 के अंतर्गत गैर-लाभकारी संस्था के रूप में पंजीकृत है (CIN U92411UP2005NLP303630), अपने पंजीकरण के उद्देश्यों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए लाभकारी गतिविधियों में संलग्न है। यह संस्था अपने गैर-लाभकारी दर्जे का दुरुपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर आय अर्जित कर रही है. और उस आय पर कर भी अदा कर रही है, जो कि गैर- लाभकारी उद्देश्यों का सरासर मज़ाक उड़ाता है।वित्तीय गड़बड़ियों की पुष्टि निम्नलिखित लंबित आयकर देयताओं से होती है:

1. कर विवाद अधीन (A.Y. 2006-07) ₹2,49,55,615/-

2. कर विवाद अधीन (A.Y. 2010-11) -₹8,21,55,700/-

3. कर विवाद अधीन (A.Y. 2011-12)-₹11,54,30,477/-

4. कर विवाद अधीन (A.Y. 2012-13) -₹14,45,42,900/-

5. कर विवाद अधीन (A.Y. 2013-14) -₹6,47,67,932.10/-

6. कर विवाद अधीन (A.Y. 2014-15) – ₹22,56,66,104.58/-

7. कर विवाद अधीन (A.Y. 2015-16) – ₹14,27,58,307/-

8. कर विवाद अधीन (A.Y. 2016-17)-₹10,35,50,906/-

9. कर विवाद अधीन [टीडीएस A.Y. 2009-10 & 10-11]-₹33,72,040/-

कुल लंबित राशिः ₹90,71,99,981.68/-

इसका अर्थ यह है कि UPCA अपने तथाकथित “गैर-लाभकारी” ढाँचे का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये की आय अर्जित कर रही है। इनके आय के स्रोतों में विभिन्न प्रकार की फीस, मैचों से हुई आय और अन्य लाभकारी गतिविधियाँ सम्मिलित हैं। यह संस्था “गैर-लाभकारी” आवरण के पीछे लाभ कमा रही है और कर विभाग को धोखे में रखकर करोड़ों रुपये के कर विवादों में उलझी हुई है।मंत्रालय से आग्रह किया गया  हैं कि इस घोर अनियमितता और कर-चोरी के मामले को तत्काल संज्ञान में लें और त्वरित कार्यवाही करें। निम्नलिखित कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है:CAG (कैग) द्वारा संपूर्ण लेखा परीक्षण संस्था के सभी वित्तीय लेनदेन की गहन जाँच करवाई जाए। तत्काल पर्यवेक्षक की नियुक्ति ताकि संस्था के लाभकारी कार्यों पर नियंत्रण रखा जा सके और यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में यह संस्था अपने गैर-लाभकारी उद्देश्य के अनुरूप ही कार्य करे सभी वित्तीय गतिविधियों की कड़ी निगरानी जिससे कि संस्था भविष्य में सरकारी नीतियों और नियमों का उल्लंघन न कर सके।यह अत्यंत चिंताजनक है कि एक गैर-लाभकारी संगठन का आचरण मुनाफाखोरी की ओर बढ़ता जा रहा है। इस प्रकार की अनियमितताओं पर कड़ा अंकुश लगाने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने की महती आवश्यकता है। हम आशा करते हैं कि आप इस पत्र में व्यक्त हमारे आग्रहों पर शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई करेंगे ताकि खेल जगत में पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहे।