कानपुर। केडीए बोर्ड की बैठक में अब एक साथ दो भूखण्डों के नक्शे को पास करवा कर संयुक्त रूप से बनवाने के लिए मुहर लग गयी है। जिससे दो प्लॉटों को मिलाकर घर या किसी प्रकार की इमारत बनाना और भी आसान हो सकता है। केडीए बोर्ड की 141 वीं बैठक में सबसे अहम भूखंडों के आमेलन (अमल गमेशन) के लिए तैयार की गई नई पॉलिसी पर चर्चा की जा रही है। इस प्रस्ताव पर मंजूरी होने से दो भूखंडों के आमेलन को लेकर चली आ रही भ्रम की स्थिति भी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।अभी तक भूखंडों के आमेलन को लेकर केडीए में कोई नीति नहीं बनी थी। लखनऊ, गाजियाबाद या प्रयागराज में लिए जा रहे निर्णयों के आधार पर यहां भी आवेदनवार निर्णय होते थे। इसमें यह तय नहीं था कि कितना शुल्क लगेगा।शुल्क का निर्धारण भी दूसरे विकास प्राधिकरणों के आधार पर ही होता था। अब जो नीति तैयार की गई है इसमें दो प्लॉटों को मिलाकर एक इमारत बनाने में दिक्कत नहीं आएगी। पहले दोनों प्लॉटों के अलग-अलग नक्शे पास होते थे। अब अगर कोई आवेदन आमेलन का आता है तो एक ही नक्शा पास होगा।इस पॉलिसी का बड़ा फायदा आवेदनकर्ता को होगा। उदाहरण के तौर पर अगल-बगल दो प्लॉट अगर 200-200 वर्ग मीटर के हैं और अपार्टमेंट बनाना है, तो 300 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल होना जरूरी है। अब आवेदनकर्ता चाहे तो दोनों प्लॉट लेकर उसे मिला सकता है।इससे प्लॉट का क्षेत्रफल 400 मीटर का हो जाएगा। इस आधार पर वह अपार्टमेंट बना सकता है। दूसरा फायदा यह होगा कि फ्लोर एरिया रेशियो बढ़ जाएगा। यह अलग बात है कि कवर्ड एरिया बढ़ने से सेट बैक ज्यादा होगा।केडीए द्वारा तैयार की गई नीति को अगर मंजूरी मिल गई तो आवेदनकर्ता को सर्किल रेट का एक प्रतिशत देना होगा। पहले हर फाइल के आधार अलग-अलग तरह के भी शुल्क ले लिए जाते थे। इससे फाइलें फंसी रहती थीं। नीति में यह शर्त रखी गई है कि मौके पर जो भू-उपयोग निर्धारित होगा, निर्माण उसी उपयोग के लिए करना होगा।मंडलायुक्त अमित गुप्ता की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक होगी जिसमें कुछ और भी प्रस्ताव रखे जा सकते हैं। इसमें पिछली बोर्ड बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि तो होगी ही, पिछले बोर्ड में लिए गए निर्णयों के अनुपालन की आख्या भी प्रस्तुत की जाएगी।