
संवाददाता
कानपुर। बिठूर क्षेत्र के टिकरा गांव में एक किसान की मौत के बाद उसकी जमीन से नाम ही गायब हो गया। परिवार के लोग जब अपना नाम चढ़वाने पहुंचे तो देखा कि खतौनी से पिता का नाम ही गायब है। इसके बाद से पीड़ित परिवार पिछले एक साल से कलेक्ट्र्रेट के चक्कर काट रहा है, लेकिन लेखपाल और कानूनगो फाइल दबाए बैठे हैं।
टिकरा गांव निवासी मुंशी लाल का 12 मई 2019 को निधन हो गया था। इनके चार बेटे गोविंद नारायण त्रिवेदी, राम गोपाल त्रिवेदी, श्रीकृष्ण त्रिवेदी और श्याम नारायण त्रिवेदी है। मृतक के नाती सतीश चंद्र त्रिवेदी ने बताया कि एक साल पूर्व पिता जी और चाचा लोगों का नाम चढ़वाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया तब पता चला कि बाबा का नाम खतौनी से गायब हो गया हैं।
सतीश चंद्र ने बताया कि बाबा मुंशी लाल त्रिवेदी का नाम आराजी 654 से गायब कर दिया गया है। उसमें करीब सवा 2 बीघा जमीन हैं। इसके अलावा आराजी 598 और आराजी 499 क व 472 में नाम अंकित हैं।
सतीश का आरोप है कि आराजी संख्या 654 की जमीन को आज तक न किसी को बेचा गया और न ही किसी हस्तानांतरण का प्रार्थना पत्र दिया गया। इसके बावजूद नाम गायब कर दिया गया हैं। कई बार लेखपाल और कानूनगो से मिले लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की। इन लोगों की ही मिली भगत से खतौनी से नाम गायब हुआ है।
इस प्रकरण में पीड़ित सतीश ने एसडीएम सदर से लेकर जिलाधिकारी तक इस मामले की शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं।