April 19, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। ए
क बार नौ साल बाद फिर से पनकी भौसिंह का कूड़ा निस्तारण प्लांट निजी हाथों में होगा। हाईवे किनारे 10 से 15 साल के बीच के पुराने कचरे के पहाड़ को हटाने का काम वैज्ञानिक तरीके से होगा।
आईआईटी कानपुर की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम ने इस कचरे के निस्तारण के लिए नई कंपनी को हायर करने का निर्णय लिया है। इसी माह कंपनी नामित करने के लिए टेंडर निकाले जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
टेंडर के बाद चयनित की जाने वाली कंपनी से नगर निगम का करार होगा। निर्धारित कंपनी को प्रति मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारण के हिसाब से रकम का भुगतान किया जाएगा। पिछली दो कंपनियों के साथ हो चुके विवाद के कारण इस बार नगर निगम की मांग पर आईआईटी कानपुर ने नियम और शर्ते बनाईं हैं।
आईआईटी ने ड्रोन के जरिए लीगेसी वेस्ट का सर्वे किया है। सर्वे में लगभग 15 लाख टन कचरा प्लांट में जमा पाया गया है। इस कचरे के निस्तारण के लिए शासन से 44 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। हकीकत यह है कि लगभग तीन साल पहले नगर निगम के सामने 15 लाख टन कचरे का पहाड़ छांटने की चुनौती खड़ी हो गई थी, क्योंकि एटूजेड कंपनी भाग गई थी।
बाद में आई कंपनी आईएलएफएस भी पुराने पहाड़ को नहीं छांट पाई थी। आखिरकार नगर निगम ने ही मशीनें लगाकर प्लांट के मेन गेट के सामने से मुख्य भवन के बीच तक कचरे का पहाड़ छंटवाया। ग्रीनरी भी बनवाई।
कानपुर में रोजाना 1200 मीट्रिक टन कूड़ा उत्पादित होता है। 1200 मीट्रिक टन कूड़े का रोजाना प्लांट के जरिए निस्तारण किया जाता है।
50 टन प्लास्टिक कचरे का प्लांट में आरडीएफ बनता है। कूड़ा निस्तारित न होने से 15 सालों में प्लांट में 15 लाख मीट्रिक टन कूड़ा एकत्रित हुआ। लीगेसी वेस्ट को निस्तारित करने में 44 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
हालांकि 10 से 15 वर्ष के बीच का लीगेसी वेस्ट बचा ही रह गया जो अभी भी हाईवे किनारे से गुजरने वाले लोगों के लिए मुसीबत है। कचरे के साथ गंदगी उड़ती रहती है।
नगर निगम इसका निस्तारण करने में नाकाम रहा। इसका निस्तारण प्लांट के जरिए होना मुश्किल है लिहाजा इसके लिए आईआईटी की एक्सपर्ट रिपोर्ट ली गई है।
कूड़ा निस्तारण प्लांट में भारी मात्रा में रिफ्यूज-डिराइवड फ्यूल तैयार होता है। इसको सीमेंट प्लांट में भेजा जाता है। अब प्रतिदिन 50 ट्रक आरडीएफ मध्यप्रदेश की सीमेंट फैक्ट्री को जाएगा। इसे जल्द ही भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। कंपनी से बात कर ली गई है।
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि कूड़ा निस्तारण प्लांट प्राइवेट हाथों में दिया जाएगा। लीगेसी वेस्ट को हटाकर प्लांट की जगह पर पार्क बनाने की योजना है। ड्रोन से सर्वे करके 15 लाख मीट्रिक टन पुराना कचरा जमा होने की रिपोर्ट आईआईटी कानपुर ने दी है।