कानपुर। नगर में बहुतायत संख्या में स्ट्रीट लाइटों के बन्द पडे होने से शहर के कई मोहल्लों को जोडने वाली सडकों में शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है। नगर निगम के सुस्त कर्मचारी सडकों पर उजाला फैलाने में नाकाम साबित हो रहें हैं। इससे नगर निगम को छोड़कर जा चुके केंद्र सरकार के उपक्रम एनर्जी एफीशियेंसी सर्विसेज लिमिटेड की फिर से वापसी के संकेत मिल रहें हैं जिसको पेमेंट न होने से कंपनी ने कानपुर में स्ट्रीट लाइट की मरम्मत और लगाने का काम पूरी तरह बंद करके वापस होना पड गया था।मौजूदा समय में नगर निगम की 20 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं। जिनकी मरम्मत में नगर निगम पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। शहर में 20 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें खराब होने के कारण रात होते ही सड़कों पर अंधेरा छा जाता है। नगर निगम मार्ग प्रकाश विभाग के पास पास तार, स्विच न होने, ड्राइवर (एलईडी में लगने वाला उपकरण) की भी कमी की वजह से पूरे दिन में 40 से 50 लाइटें ही ठीक कर पा रहा है। अब नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने कानपुर में ईईएसएल को कानपुर में लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। ज्यादातर पार्षद भी कंपनी को वापस लाने पर सहमति जता चुके हैं। कंपनी का करीब 8 करोड़ रुपए बकाया है। मौजूदा समय में स्ट्रीट लाइट खराब होने से आलम ये है कि पार्षदों को खुद ही पोल पर चढ़कर स्ट्रीट लाइटें ठीक करनी पड़ रही हैं। 12 दिन पहले ही नानकारी से पार्षद सुनील कुमार पासवान ने खंभे पर चढ़कर खुद 5 स्ट्रीट लाइट को ठीक किया पार्षद बिजली का काम जानता था।इसके अलावा 24 अगस्त को ही किदवई नगर वार्ड-14 से पार्षद शालू कनौजिया को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है कि वार्ड में स्ट्रीट लाइट ठीक करने की अनुमति उन्हें दी जाए। पार्षद महेंद्र पांडेय पप्पू, कौशल मिश्रा, नीरज कुरील, लियाकत अली ने बताया कि ईईएसएल कंपनी बेहतर कार्य कर रही थी। उसे वापस लाना चाहिए।बारिश में जितनी लाइटें ठीक हो पा रही हैं, उससे 5 गुना लाइटें खराब हो जा रही हैं। हाल ही में पार्षदों ने नए नगर आयुक्त से बैठक में इसको लेकर पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है। शहर के 110 वार्डों में 1,23,557 स्ट्रीट लाइटें हैं। इन्हें ठीक करने के लिए नगर निगम के पास न तो पर्याप्त कर्मचारी हैं और न ही पर्याप्त लाइटें, हाईमास्ट टॉवर हैं।एलईडी स्ट्रीट लाइटों में लगने वाले उपकरणो को ड्राइवर की कमी की वजह से मार्ग प्रकाश विभाग ने इन्हें जोनों में भेजना बंद कर दिया है। नगर निगम रिकॉर्ड के अनुसार मार्ग प्रकाश विभाग में लाइनमैन के 49 पद है, जिनमें 48 खाली हैं। 150 स्विचमेनों से ही लाइनमैन का काम कराया जा रहा है। 30 आउटसोर्सिग कर्मी भी हैं।गीतानगर, शारदानगर, जाजमऊ, गोविंद नगर, विजय नगर, काकादेव, जरौली, कर्रही, अफीमकोठी, श्यामनगर, रोशन नगर, कल्याणपुर, दादनगर, पनकी औद्योगिक क्षेत्र, विश्वबैंक कालोनी, बर्रा, सूटरगंज, ग्वालटोली, खलासी लाइन, दर्शनपुरवा, गड़रियनपुरवा, निरालानगर, साकेतनगर आदि इलाकों की स्ट्रीट लाइट्स खराब पड़ी है जिसके चलते सडकों पर रात के समय अंधेरा पसर जाता है ।