August 10, 2025

आ स. संवाददाता

कानपुर। गुरुवार को नवरात्रि की छठी तिथि को माता के कात्यायनी स्वरूप का पूजन पूरे विधि विधान से किया गया। घरों से लेकर माता के हर छोटे बडे दुर्गा मंदिर  और अन्य मन्दिरों में माता का पूजन कर उनसे सुख समृद्धि की मनोकामना की गयी। गुरुवार की सुबह से ही मन्दिरों में मंगला आरती के बाद से भक्तों ने माता के दर्शन लाभ लिए ये क्रम देर रात तक जारी रहा। 

माना जाता है कि छठे दिन माँ को जो सच्चे मन से याद करता है उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं। जन्म-जन्मांतर के पापों को नष्ट करने के लिए माँ की शरणागत होकर उनकी पूजा-उपासना की जाती है। 

शहर के प्रसिद्ध तपेश्वरी देवी मन्दिर के साथ ही बुद्धा देवी और काली मठिया और दक्षिणी हिस्से के बारा देवी,जंगली देवी आदि मंदिरों में माता के जयकारे गूंजते रहे। ग्रामीण इलाकों की अन्य मंदिरों में पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। देवी भक्तों ने घरों में व्रत रखकर पूजा की, तथा देवी से घर में सुख-समृद्धि की कामना की।

नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि में कन्या पूजन व हवन का विशेष महत्व है। कुछ लोग अष्टमी को हवन करते हैं और कुछ लोग नवमी को हवन करते हैं।  नवरात्रि में हवन व कन्या पूजन के बाद ही व्रत के पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। 

इस साल चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी शनिवार 5 अप्रैल को है। रामनवमी 6 अप्रैल रविवार को मनाई जाएगी।

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