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आ स. संवाददाता
कानपुर। कल्यानपुर आवास-विकास बगिया निवासी राजू वाल्मीकि बैंक ऑफ बड़ौदा में चपरासी हैं। उनके परिवार में मां रानी, पत्नी राजकुमारी और तीन बेटे रंजीत, सुमित व अमित हैं। सुमित की तीन साल पहले लालबंगला में रहने वाली स्नेहा से शादी हुई थी।
सुमित अपनी पत्नी व सवा साल के बेटे सम्राट और दादी रानी के साथ उर्सला कैंपस स्थित अपने भाई रंजित के सरकारी क्वार्टर में रहता है। सुमित एक निजी हास्पिटल में लैब टेक्नीशियन है।
सुमित ने बताया, रोज की तरह वह काम पर गया था। शाम 5 बजे दादी परेड स्थित अस्पताल में सफाई करने चली गईं। रात करीब आठ बजे वह दादी को लेकर बाइक से घर पहुंचा। दादी ने जैसे ही दरवाजा खोला तो साड़ी के फंदे से स्नेहा का शव लटका था और सम्राट बेड पर अचेत पड़ा था।
यह देखकर वह चीख पड़ीं। सुमित भी तुरंत कमरे की ओर भागा। बेटे-पत्नी को लेकर वह उर्सला पहुंचा जहां, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
काश मैं बेटी की बात सुन लेता तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता, बेटी ने तीन दिन पहले ही कहा था कि पापा मुझे यहां से ले चलो। शादी वाले दिन से यह लोग कार के लिए हंगामा कर रहे थे, दहेज के लिए मेरी फूल जैसी बेटी को मार डाला, ये लोग अच्छे नहीं हैं। अब किसके सहारे जिएंगे हम लोग। यह बात उर्सला में 15 महीने के बेटे की हत्या करने के बाद सुसाइड करने वाली विवाहिता के माता-पिता ने कही।
कानपुर कोतवाली पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जांच के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।