आ स. संवाददाता
कानपुर। सिजेरियन से प्रसव अब एक सामान्य बात है, लेकिन ऑपरेशन करने वालो की दक्षता मरीज की सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है। ऑपरेशन में हुई लापरवाही के चलते गोविंद नगर के सिंधी अस्पताल में डिलीवरी के बाद एक नवजात बच्ची की मौत हो गई। सिजेरीयन ऑपरेशन में ओवर ब्लीडिंग से महिला की हालत गंभीर होने पर उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन इसके छह घंटे बाद महिला ने भी दम तोड़ दिया। परिवार के लोगों ने इलाज में लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत का आरोप लगाकर अस्पताल में जमकर हंगामा काटा।
नगर के पास स्थित फतेहपुर बिंदकी के रहने वाले किराना व्यापारी अमित गुप्ता की पत्नी शिल्पी गुप्ता नौ महीने की गर्भवती थीं। प्रसव पीड़ा होने पर उन्हें गोविन्द नगर के सिंधी हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। अमित ने बताया कि हॉस्पिटल की डॉ. रेनू भटियान ने पत्नी का ऑपरेशन करके डिलीवरी कराने की बात कही। परिवार की सहमति के बाद डा. रेनू ने ऑपरेशन किया और अमित की पत्नी शिल्पी ने एक बेटी को जन्म दिया। लेकिन कुछ ही देर में बच्ची की मौत हो गई। ऑपरेशन के बाद शिल्पी की भी ओवरब्लीडिंग से हालत बिगड़ गई।
हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने शिल्पी को वहां से रेफर कर दिया। शिल्पी को साकेत नगर के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया लेकिन देर रात शिल्पी ने भी दम तोड़ दिया। परिवार के लोगों ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन में गड़बड़ी की वजह से पहले बच्ची और बाद में महिला ने दम तोड़ दिया। परिवार के लोगों ने हॉस्पिटल में शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। मुआवजे की मांग को लेकर परिवार हंगामा करता रहा।
सूचना पर गोविंद नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।
डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि परिवार के लोगों ने डॉक्टर की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत का आरोप लगाया हे। परिवार के लोगों को कार्रवाई का भरोसा दिया गया है। हॉस्पिटल प्रबंधन और पीड़ित परिवार के बीच समझौते को लेकर बात चल रही है। अगर परिवार संतुष्ट नहीं होता है तो फिर मामले में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।