November 22, 2024
कानपुर। फेल छात्रों को पास करने के मामले में कानपुर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से जुडे सिंडीकेट का खुलासा पुलिस ने किया था।  पुलिस अभी तक इस मामले में 2 लोगों को जेल भेज चुकी है। जबकि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अमले में यह चर्चा आम है कि इसमें अभी कुछ और भी नाम जुड सकते हैं जो फेल छात्रों को पास करवाने वाले सिंडीकेट में शामिल है। कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने कल्याणपुर थाने में मुकदमा  दर्ज कराते हुए एक चपरासी को नामजद किया था।पुलिस के अनुसार इस मामले में अब विभाग के अन्य लोगों से पूछताछ की जाएगी। वहीं, ये भी आशंका है कि इसमें बाहर के कुछ और लोग भी मिले हो सकते हैं।पुलिस ने मामले में नामजद आरोपी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जगदीश पाल और एक बाहर के व्यक्ति शिव कुमार को जेल भेजा है। अभी तक बाहरी एक ही व्यक्ति का नाम सामने आया है। पुलिस का मानना है कि शिव कुमार की गैंग में और भी लोग शामिल हो सकते है।इसके अलावा जगदीश पाल के साथ विभाग के भी अन्य लोगों की मिली भगत हो सकती है, क्योंकि इतने बड़े मामले में जगदीश अकेले तो नहीं कंप्यूटर से छेड़छाड़ कर पाएगा। इसलिए पुलिस की रडार में अभी और भी लोग सामने आ सकते है।इस प्रकरण में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने पहले ही कह रखा है कि पिछले दो से तीन माह के अंदर जिन छात्र-छात्राओं के नंबर बढ़े है, उनकी फाइलों की जांच फिर से कराई जाएगी। इसमें यदि कोई गड़बड़ी मिलती है तो इसमें कड़ी कार्रवाई की जाएगी।कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया-इस मामले में अभी तक ये पता चला है कि इसमें कुछ बाहर के लोग सक्रिय है। इसकी भी गंभीरता से जांच चल रही है। वहां आने-जाने वालों लोगों की फुटेज के माध्यम से पहचान की जा रही हैं। किस बाहरी व्यक्ति का ज्यादा आना जाना था, किससे मिलता था, कहा बैठता था, इन सभी बिंदुओं को देखा जा रहा है।विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि छात्र सहायता प्रकोष्ठ में स्टूडेंट से संबंधित 1968 से 2020 तक के गोपनीय रिकॉर्ड रखे हुए हैं। इसमें डिजिटल और दस्तावेजी रिकॉर्ड के रूप में गोपनीय रिकॉर्ड रूम में सुरक्षित रखे गए हैं।इस डेटा के जरिए ही डिग्री, माइग्रेशन, प्रमाण-पत्र और अंकपत्र जारी किए जाते हैं। 27 जुलाई को रिकॉर्ड रूम में एक लिफाफा पड़ा मिला था। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ने इसे खोलकर देखा तो उसमें अंक पत्रों के मूल रिकॉर्ड (सारणीयन पंजिका) से फाड़े गए मूल दस्तावेज थे।विभागीय अफसरों ने मामले की जांच की तो पाया कि सन- 2013 का छात्र नेहाल हुसैन रिजवी पुत्र सैय्यद इकबाल हुसैन निवासी रिजवी रोड नवाब कंपाउंड टेलीग्राफ रोड कानपुर नगर के बीएससी फाइनल ईयर जिसका रोल नंबर-0929871 था।निहाल बीएससी फेल हो गया था, लेकिन उसके फेल वाले दस्तावेज को हटाकर पास वाला दस्तावेज मूल पत्रों में अटैच कर दिया गया था, जबकि रिजल्ट अपडेशन मॉड्यूल में वह फेल पाया गया।