आ स. संवाददाता
कानपुर। बाल विकास एवं पुष्टाहार अनाज वितरण में बड़ा खेल पकड़ा गया है । आंगनबाड़ी सेंटर में वितरण की जगह बारादेवी दक्षिण द्वार गेट पर सड़क किनारे ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अनाज वितरित किया जा रहा था। यह अनाज ई-रिक्शे पर लादा जा रहा था। पार्षद ने पकड़ा तो मौके पर मौजूद 4 से 5 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौके से भाग निकलीं।
पार्षद शालू कनौजिया ने बताया कि बारादेवी के पास आए दिन इसी तरह से अनाज वितरित किया जाता है। पार्षद ने आरोप लगाते हुए बताया कि लोगों को पुष्टाहार वितरित करने की बजाय पूरा का पूरा पुष्टाहार बेच दिया जाता है। पार्षद ने मौके पर पुष्टाहार से लदी गाड़ियों को पकड़ा और अधिकारियों को सूचित किया है।
सरकार द्वारा पुष्टाहार का वितरण कुपोषित बच्चों के लिए किया जाता है। इसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गेंहू, चावल, चना और तेल का वितरण गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए किया जाता है।
मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप ने बताया कि आज से अनाज का वितरण किया जा रहा है। इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों तक अनाज पहुंचाने के लिए दिया जाता है। जांच की गई है इसमें कुछ भी गलत नहीं मिला है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डर की वजह से भाग गई थीं। कानपुर में 2134 आंगनबाड़ी सेंटर हैं।
दुर्गेश प्रताप ने आगे बताया कि सड़क पर अनाज वितरित करने पर वितरण एजेंसी नैफेड को पहले भी चेतावनी दी गई है। सीधे सेंटर पर अनाज वितरित करने का नियम है। संस्था को दोबारा चेतावनी जारी की जा रही है। अक्टूबर से दिसंबर का राशन अब वितरित किया जा रहा है।
सूखे राशन का वितरण माह में एक बार किया जाता है। छह माह से तीन साल के बच्चे को एक किलो गेहूं, एक किलो चावल, एक किलो चना व 455 ग्राम तेल का वितरण होता है।
3 साल से छह साल के बच्चों को आधा किलो चावल, आधा किलो गेहूं व आधा किलो चना दिया जाता है।
गर्भवती महिलाओं को डेढ़ किलो गेहूं, एक किलो चावल, एक किलो चना व 455 ग्राम तेल मिलता है।
अतिकुपोषित बच्चों को हर महीने डेढ़ किलो गेहूं, डेढ़ किलो चावल व दो किला चना व 455 ग्राम तेल मिलता है।